भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच दो टेस्ट मैचों की सीरीज कल से शुरू हो रही है. पहला मुकाबला कोलकाता के ईडन गार्डन्स में खेला जाएगा और मैच भारतीय समयानुसार सुबह 9:30 बजे से शुरू होगा. इस मैदान पर भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच केवल 3 टेस्ट मैच खेले गए हैं, जिनमें टीम इंडिया ने 2 और एक बार अफ्रीकी टीम विजयी रही है. यहां इन दोनों टीमों के बीच आखिरी मैच 2010 में खेला गया था, जिसमें भारतीय टीम पारी और 57 रनों से विजयी रही थी.

ईडन गार्डन्स के इतिहास को उठाकर देखें तो यहां बल्लेबाज सेट हो जाए तो पहली पारी में रन बनाना काफी हद तक आसान हो जाता है. मगर तीसरी और चौथी पारी में रन बनाना बहुत मुश्किल हो जाता है.

बल्लेबाज या गेंदबाज, किसे ज्यादा मदद मिलेगी

ईडन गार्डन्स की पिच का इतिहास बताता है कि यहां बल्लेबाज और गेंदबाज, दोनों के लिए मदद रहती है. शुरुआत में तेज गेंदबाजों को मदद मिलती है, वहीं तीसरे दिन से स्पिनर्स हावी होने लगते हैं. मीडिया रिपोर्ट्स अनुसार भारत बनाम दक्षिण अफ्रीका पहले टेस्ट मैच के लिए पिच पर घास होगी, जिससे शुरुआत में तेज गेंदबाजों को स्विंग मिलने का अनुमान होगा. ऐसे में बल्लेबाजों को रन बनाने में कड़ी मशक्कत करनी पड़ सकती है.

भारतीय टीम के असिस्टेंट कोच रायन टेन डोइशे कह चुके हैं कि इस मैदान में स्पिन गेंदबाजों का रोल महत्वपूर्ण रह सकता है. टॉस जीतने वाली टीम पहले बल्लेबाजी चुन सकती है और यहां बड़ा स्कोर खड़ा कर सकती है, क्योंकि पहले 2 दिन यहां बैटिंग करना अंतिम 3 दिनों की तुलना में आसान रह सकता है लेकिन जैसे ही पिच पुरानी होगी वैसे ही स्पिनर्स हावी होते चले जाएंगे.

कुल मिलाकर देखा जाए तो पहले दिन नई गेंद से तेज गेंदबाज घातक सिद्ध हो सकते हैं, लेकिन इसी बीच पहले 2 दिन बल्लेबाज आखिरी 3 दिनों की तुलना में आसान होगी. पहली दो पारियों में यहां औसत स्कोर 300 रन से ज्यादा है, लेकिन तीसरी पारी में औसत स्कोर करीब 250 और चौथी पारी में यहां 200 रन बनाना भी बहुत मुश्किल काम माना जाता है.

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