हल्दी में पाया जाने वाला करक्यूमिन शरीर में सूजन को कम करने में मदद करता है. जबकि कॉफी में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट शरीर को डिटॉक्स करने का काम करते हैं. दोनों के मिक्सर से बनने वाली टर्मरिक कॉफी शरीर में सूजन और थकान को घटाती है. वहीं इसके नियमित सेवन से मांसपेशियों के दर्द और जोड़ों की जकड़न से भी राहत मिलती है.

करक्यूमिन के एंटीऑक्सीडेंट गुण हार्ट को कई बीमारियों से बचाते हैं. यह शरीर में ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस को कम करता है और कोलेस्ट्रॉल लेवल को कंट्रोल रखता है. रिसर्च में सामने आया है कि हल्दी का नियमित सेवन धमनियों में प्लाक जमने से रोकता है, जिससे हार्ट अटैक या स्ट्रोक जैसी बीमारियों का खतरा भी घटता है.

करक्यूमिन के एंटीऑक्सीडेंट गुण हार्ट को कई बीमारियों से बचाते हैं. यह शरीर में ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस को कम करता है और कोलेस्ट्रॉल लेवल को कंट्रोल रखता है. रिसर्च में सामने आया है कि हल्दी का नियमित सेवन धमनियों में प्लाक जमने से रोकता है, जिससे हार्ट अटैक या स्ट्रोक जैसी बीमारियों का खतरा भी घटता है.

अगर आप फैट कम करने की कोशिश में है तो टर्मरिक कॉफी आपकी हेल्दी डाइट में शामिल की जा सकती है. हल्दी शरीर के मेटाबॉलिज्म को एक्टिव करती है और फैट ब्रेकडाउन को तेज करती है. वहीं कॉफी की कैफीन एनर्जी लेवल बढ़ाकर कैलोरी बर्निंग को आसान बनाती है. ऐसे में सुबह की शुरुआत इस गोल्डन कॉफी से करने पर धीरे-धीरे वजन कम होने में मदद मिलती है.

अगर आप फैट कम करने की कोशिश में है तो टर्मरिक कॉफी आपकी हेल्दी डाइट में शामिल की जा सकती है. हल्दी शरीर के मेटाबॉलिज्म को एक्टिव करती है और फैट ब्रेकडाउन को तेज करती है. वहीं कॉफी की कैफीन एनर्जी लेवल बढ़ाकर कैलोरी बर्निंग को आसान बनाती है. ऐसे में सुबह की शुरुआत इस गोल्डन कॉफी से करने पर धीरे-धीरे वजन कम होने में मदद मिलती है.

कॉफी में मौजूद कैफीन मानसिक सतर्कता और एकाग्रता को बढ़ाती है. जबकि हल्दी का करक्यूमिन दिमाग की कोशिकाओं को डैमेज होने से बचाता है. इन दोनों का मेल ब्रेन फंक्शन को बेहतर करता है और अल्जाइमर या पार्किंसन जैसी बीमारियों से बचाव में मददगार हो सकता है.

कॉफी में मौजूद कैफीन मानसिक सतर्कता और एकाग्रता को बढ़ाती है. जबकि हल्दी का करक्यूमिन दिमाग की कोशिकाओं को डैमेज होने से बचाता है. इन दोनों का मेल ब्रेन फंक्शन को बेहतर करता है और अल्जाइमर या पार्किंसन जैसी बीमारियों से बचाव में मददगार हो सकता है.

हल्दी का सेवन शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है, जबकि कॉफी में मौजूद क्लोरोजेनिक एसिड और कैफेस्टोल जैसे तत्व इम्यूनिटी को सपोर्ट करते हैं. टर्मरिक कॉफी में दोनों के गुण मिलकर शरीर को इंफेक्शन से लड़ने की क्षमता देते हैं.

हल्दी का सेवन शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है, जबकि कॉफी में मौजूद क्लोरोजेनिक एसिड और कैफेस्टोल जैसे तत्व इम्यूनिटी को सपोर्ट करते हैं. टर्मरिक कॉफी में दोनों के गुण मिलकर शरीर को इंफेक्शन से लड़ने की क्षमता देते हैं.

हल्दी और कॉफी दोनों में एंटीऑक्सीडेंट्स की भरपूर मात्रा होती है जो फ्री रेडिकल से लड़ते हैं. यही फ्री रेडिकल स्किन, एजिंग का मुख्य कारण माने जाते हैं. टर्मरिक कॉफी का नियमित सेवन स्किन की नेचुरल चमक को भी बढ़ाता है और झुर्रियों को कम करता है.

हल्दी और कॉफी दोनों में एंटीऑक्सीडेंट्स की भरपूर मात्रा होती है जो फ्री रेडिकल से लड़ते हैं. यही फ्री रेडिकल स्किन, एजिंग का मुख्य कारण माने जाते हैं. टर्मरिक कॉफी का नियमित सेवन स्किन की नेचुरल चमक को भी बढ़ाता है और झुर्रियों को कम करता है.

Published at : 14 Nov 2025 01:01 PM (IST)

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