अनानास में ब्रोमेलिन और एसिड दोनों होते हैं. ये तत्व पाचन में मदद तो करते हैं, लेकिन जिन लोगों को गैस्ट्राइटिस, एसिडिटी, पेट में जलन या बार-बार पेट दर्द रहता है, उनके पेट की परत को यह फल और भी ज्यादा एक्टिव कर सकता है. इससे सीने में जलन, पेट दर्द, मितली या गैस की समस्या बढ़ सकती है.

जिन लोगों को पेट या आंतों में अल्सर है, उनके लिए अनानास बिल्कुल भी सही ऑप्शन नहीं है. इसका एसिडिक नेचर और ब्रोमेलिन, दोनों मिलकर अल्सर वाले हिस्से को और ज्यादा परेशान कर सकते हैं, जिससे दर्द और जलन बढ़ सकती है.

अनानास का ग्लाइसेमिक इंडेक्स मध्यम है, लेकिन इसमें नेचुरल शुगर काफी ज्यादा होती है. डायबिटीज वाले लोगों के लिए यह अचानक ब्लड शुगर बढ़ाने का कारण बन सकता है. अगर किसी को यह फल पसंद है, तो उसे सीमित मात्रा में और डॉक्टर की सलाह के अनुसार ही खाना चाहिए.

कुछ लोगों को अनानास से एलर्जी होती है, जिसका पता खाने के बाद ही चल पाता है. एलर्जी के लक्षण में होंठ या जीभ पर खुजली, गला सूजना, स्किन पर लाल चकत्ते, पेट में हल्की तकलीफ शामिल हैं. ऐसे लक्षण दिखें तो अनानास तुरंत बंद कर देना चाहिए.

ब्रोमेलिन कई दवाओं के प्रभाव को बदल सकता है. विशेष रूप से ब्लड थिनर, कुछ एंटीबायोटिक्स, एंटी-इंफ्लेमेटरी दवाएं. इनके साथ अनानास का सेवन शरीर में दवा की प्रतिक्रिया को बढ़ा या घटा सकता है. इसलिए ऐसी दवाएं लेने वाले लोगों को डॉक्टर से पूछे बिना अनानास नहीं खाना चाहिए.

अनानास का टेस्ट भले ही शानदार हो, लेकिन यह काफी एसिडिक होता है. दांतों में कीड़े, सेंसिटिविटी या मसूड़ों की किसी समस्या से जूझ रहे लोगों के लिए यह एसिड दांतों की इनेमल को कमजोर कर सकता है. लगातार और ज्यादा मात्रा में खाने से दांतों में दर्द या सड़न भी बढ़ सकती है.
Published at : 19 Nov 2025 01:16 PM (IST)