Gautam Adani: इंफ्रास्ट्रक्चर, ग्रीन एनर्जी, पोर्ट के बाद अब अडानी ग्रुप डिफेंस सेक्टर में बड़ा निवेश करने जा रहा है. अडानी ग्रुप की कंपनी अडानी डिफेंस एंड एयरोस्पेस (Adani Defence and Aerospace) कानपुर के पास 500 एकड़ में फैले गोला-बारूद बनाने के अपने कारखाने को बढ़ाने का सोच रही है.

इसी क्रम में 7,000 करोड़ रुपये का निवेश करने की तैयारी है. कंपनी का लक्ष्य देश की सेना, केंद्रीय जांच एजेंसियों, पुलिस और स्पेशल यूनिट्स के लिए गोला-बारूद की जरूरतों का लगभग 25 परसेंट सप्लाई करना है. 

आयात पर निर्भरता कम करना है प्लान

कानपुर के पास उत्तर प्रदेश के डिफेंस कॉरिडोर में पहले से ही छोटे कैलिबर के गोले-बारूद बनाए जा रहे हैं. जहां तक रही अडानी डिफेंस एंड एयरोस्पेस की यूनिट की बात, तो इसकी सालाना प्रोडक्शन कैपेसिटी 15 करोड़ राउंड है, जिसे आगे आने वाले समय में बढ़ाकर 50 करोड़ राउंड किया जा सकता है.

अडानी ग्रुप का प्लान दूसरे देशों से आयात होने वाले विस्फोटक सामग्रियों पर अपनी निर्भरता को कम करना है. कंपनी के ज्वाइंट प्रेसिडेंट और लैंड सिस्टम हेड अशोक वधावन ने कहा कि ग्लोबल लेवल पर उर्जा सामग्री की भारी कमी है. उन्होंने कहा, “अगर आप विदेश में ऑर्डर भी देते हैं, तो भी डिलीवरी 2027 तक ही हो सकती है. हमने कई विदेशी सप्लायर्स के साथ मिलकर अपनी कैपेसिटी बढ़ा ली है ताकि प्रोडक्शन लगातार होता रहे.”

लगातार बढ़ रहा है कारोबार

कंपनी को भारतीय सशस्त्र बलों और अन्य सुरक्षा एजेंसियों से पहले ही बड़े ऑर्डर मिल चुके हैं. साथ ही, अडानी डिफेंस ने अपने निर्यात कारोबार को भी बढ़ाना शुरू कर दिया है. कंपनी के अधिकारियों का कहना है कि वे अब यूरोप और कई एशियाई देशों के खरीदारों को गोला-बारूद की सप्लाई कर रहे हैं.

गोला-बारूद के अलावा, अडानी डिफेंस ने भारतीय सशस्त्र बलों को ड्रोन और लोइटरिंग हथियार भी उपलब्ध कराए हैं. इन्हीं में से कुछ का इस्तेमाल ‘ऑपरेशन सिंदूर‘ के वक्त भी किया गया था. कंपनी अपनी हैदराबाद यूनिट में ड्रोन बनाती है. साथ ही इसका इजरायली कंपनी एल्बिट एडवांस्ड के साथ एक ज्वॉइंट वेंचर है, जिसे अडानी एल्बिट एडवांस्ड इंडिया लिमिटेड के नाम से जाना जाता है. कंपनी ड्रोन बनाने के साथ मानवरहित विमान भी बनाती है.

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