Rising Star Asia Cup 2025: एशिया कप राइजिंग स्टार 2025 के पहले सेमीफाइनल में इंडिया ए को बांग्लादेश ए के हाथों सुपर ओवर में करारी शिकस्त मिली. 194 रन के लक्ष्य का पीछा करते हुए मैच को टाई जरूर किया गया, लेकिन सुपर ओवर में मिली हार ने पूरे मैच की कहानी बदल दी. इस हार ने कई बड़े सवाल छोड़ दिए, क्या गेंदबाजों की आखिरी ओवरों में नाकामी, बल्लेबाजी में धीमापन या फिर कप्तान जितेश शर्मा के फैसले ने टीम को बाहर किया? मैच का सच यही है कि इंडिया ए ने तीन बड़े ब्लंडर किए, जिनकी कीमत उसे टूर्नामेंट से बाहर होकर चुकानी पड़ी.
ब्लंडर नंबर 1: आखिरी दो ओवरों में ‘50 रन’
भारत की गेंदबाजी शुरुआत में शानदार रही थी. मिडिल ओवर्स में बांग्लादेश की रनगति काफी धीमी हो चुकी थी और ऐसा लग रहा था कि टीम 155–160 पर ही रुक जाएगी. हालांकि आखिरी दो ओवरों ने पूरा मैच पलट दिया. 19वां ओवर करने आए नमन धीर ने सिर्फ 6 गेंदों में 28 रन दे दिए. इस ओवर में एसएम मेहरोब ने छक्कों की बरसात कर दी, जिससे बांग्लादेश को बड़ा मोमेंटम मिल गया. इसके बाद 20वां ओवर विजयकुमार वैश्यक लेकर आए और यहां भी 22 रन लुट गए. आखिरी 12 गेंदों में 50 रन देना किसी भी टीम के लिए सेमीफाइनल में आत्मघाती साबित होता है, और यही इंडिया ए के साथ हुआ.
ब्लंडर नंबर 2: नेहाल वढेरा की स्लो इनिंग ने बढ़ाया दबाव
टारगेट बड़ा था, मैच नॉकआउट था और हर गेंद पर रन की जरूरत थी. इस बीच नेहाल वढेरा की 29 गेंदों पर सिर्फ 32 रन की पारी टीम के लिए भारी पड़ गई. जहां दूसरे बल्लेबाज रनरेट बनाए रखने की कोशिश कर रहे थे, नेहाल लगातार जूझते दिखे. उनकी धीमी इनिंग के चलते दूसरे बल्लेबाजों पर अतिरिक्त दबाव बना और टीम महत्वपूर्ण समय पर रफ्तार नहीं पकड़ सकी. अगर नेहाल भी स्ट्राइक रोटेट करते या बड़े शॉट लगाते, तो मैच पहले ही इंडिया ए की झोली में आ सकता था.
ब्लंडर नंबर 3: जितेश शर्मा की कप्तानी
टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी करना एक बड़ा जोखिम था और वही उलटा पड़ा. हालांकि सबसे बड़ा झटका सुपर ओवर में लिए गए फैसले ने दिया. जिन वैभव सूर्यवंशी और प्रियांश आर्य ने मैच में धुआंधार बल्लेबाजी की, उन्हें सुपर ओवर में भेजने के बजाय कप्तान जितेश शर्मा खुद आगे आ गए. पहली ही गेंद पर क्लीन बोल्ड होना उनकी रणनीति पर बड़ा प्रश्नचिह्न लगाता है. आगे आए आशुतोष शर्मा भी बिना रन बनाए आउट हो गए और सुपर ओवर में इंडिया ए शून्य पर सिमट गई. दूसरी ओर, बांग्लादेश ने सिर्फ एक वाइड के सहारे मैच जीत लिया.
इंडिया ए के लिए यह हार सिर्फ एक मैच नहीं, बल्कि तीन बड़ी गलतियों का नतीजा थी. डेथ ओवर्स की कमजोर गेंदबाजी, स्लो बल्लेबाजी और कप्तानी की चूक. फाइनल में जाने लायक क्षमता टीम में थी, लेकिन गलत फैसलों ने पूरी मेहनत पर पानी फेर दिया.