30 Minute Walk for Heart Health: हम अक्सर सुनते आ रहे हैं कि सैर करना हमारे लिए फायदेमंद होता है, शरीर फिट रहता है. एक जाने-माने कार्डियोलॉजिस्ट का कहना है कि रोज़आधा से एक घंटे की साधारण वॉक दिल के लिए उतनी ही फायदेमंद है जितनी कई दवाइयां भी नहीं होतीं. यह आसान-सा कदम शरीर में कई पॉजिटिव बदलाव लाता है मूड बेहतर होता है, तनाव कम होता है, ब्लड शुगर संतुलित रहता है और मानसिक शांति भी बढ़ती है. एक्सपर्ट के मुताबिक लगातार चलना दिल की बीमारियों का खतरा घटाता है और हार्ट रिदम से जुड़ी दिक्कतों को भी कम कर सकता है.

आज हार्ट डिजीज कितनी तेजी से बढ़ रही है, इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि अमेरिका में हर 5 में से 1 मौत का कारण दिल की बीमारी है. कई कारणों से हार्ट प्रॉब्लम्स बढ़ती हैं, लेकिन जिस चीज को हम अक्सर नजरअंदाज कर देते हैं, वह है, शारीरिक सक्रियता. डॉक्टरों का कहना है कि दिल के लिए सबसे बेहतर “प्रेस्क्रिप्शन” दवाएं नहीं, बल्कि नियमित गतिविधि है.

क्यों फायदेमंद है वॉकिंग? 

एक इंस्टाग्राम वीडियो में मशहूर हार्ट ट्रांसप्लांट एक्सपर्ट डॉ. दिमित्री यारानोव ने बताया कि वे दवाओं से ज्यादा वॉक को प्रिस्क्राइब करते हैं. उनके शब्दों में  “मैं इसे दवाइयों से ज्यादा लिखता हूं, रोज 30 से 60 मिनट की वॉक आपकी सोच, दिल और पूरी जिंदगी बदल सकती है.” वॉकिंग की खासियत उसकी सादगी में नहीं, बल्कि उन तेज बदलावों में है जो शरीर में कुछ ही मिनटों में शुरू हो जाते हैं. डॉक्टर बताते हैं कि उन्होंने कई मरीजों को सिर्फ चलते रहने से थकान से उमंग तक और चिंता से संतुलन तक पहुंचते देखा है कि बिना किसी नई दवा के.


इसको लेकर क्या कहता है रिसर्च

अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन की एक स्टडी के मुताबिक रोज के स्टेप्स बढ़ाने और मीडियम-इंटेंसिटी गतिविधि करने से महिलाओं में दिल की बीमारी से मौत का खतरा काफी कम हो जाता है. ‘Heart’ जर्नल में प्रकाशित एक और रिसर्च के मुताबिक तेज चाल से चलना और इस गति को थोड़ी देर बनाए रखना हार्ट रिदम की दिक्कतों जैसे एट्रियल फिब्रिलेशन, तेज धड़कन या बहुत धीमी धड़कन के खतरे को कम करता है.

 

30–60 मिनट की वॉक आपके शरीर में क्या-क्या बदलती है?

डॉ. यारानोव इसे “सबसे कम आंकी गई थेरेपी” बताते हैं. उनके अनुसार, मिनट-दर-मिनट शरीर में यह बदलाव होते हैं, जैसे कि

1 मिनट पर

ब्लड फ्लो तेज हो जाता है और शरीर एक्टिव मोड में आ जाता है.

5 मिनट पर

मूड बेहतर होता है, चिंता कम होने लगती है.

10 मिनट पर

शरीर का तनाव हार्मोन, कोर्टिसोल कम होने लगता है. मन हल्का महसूस करता है.

15 मिनट पर

ब्लड शुगर स्थिर होने लगती है, खासकर उन लोगों के लिए जिनका शुगर उतार-चढ़ाव वाला हो.

30 मिनट पर

शरीर फैट-बर्निंग मोड में चला जाता है. वजन घटाने वालों के लिए यह बेहद फायदेमंद समय है.

45 मिनट पर

मेंटल थकान, ओवरथिंकिंग और उलझन कम होने लगती है. दिमाग साफ महसूस होता है.

60 मिनट पर

डोपामाइन बढ़ता है यानी हैप्पीनेस हार्मोन. वॉक खत्म होते ही मन शांत और खुश महसूस करता है.

एक हालिया स्टडी के मुताबिक, सिर्फ 30 मिनट बैठने की बजाय हल्की गतिविधि जैसे वॉकिंग करने से ऊर्जा और मूड में बड़ा सुधार होता है. इसका असर अगले दिन तक रहता है.

 किसी महंगे जिम की जरूरत नहीं

डॉ. यारानोव कहते हैं कि “आपको दिल को अच्छा रखने के लिए महंगे जिम या सप्लीमेंट की जरूरत नहीं है. बस आप, आपका दिल और हर दिन के कुछ आसान कदम.” उनका संदेश साफ है कि छोटा शुरू करें, लेकिन नियमित रहें. शरीर हर कदम को याद रखता है और उसका फायदा देता है.

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Disclaimer: यह जानकारी रिसर्च स्टडीज और विशेषज्ञों की राय पर आधारित है. इसे मेडिकल सलाह का विकल्प न मानें. किसी भी नई गतिविधि या व्यायाम को अपनाने से पहले अपने डॉक्टर या संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.

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