Festive and Wedding Season: हम भारतीयों के लिए सोना सिर्फ एक निवेश का साधन नहीं बल्कि शान-ओ-शौकत एवं समृद्धि का प्रतीक है. यही वजह है कि गोल्ड प्राइस ने पिछले कुछ सालों में तेजी से उड़ान भरी है. शनिवार को दिल्ली में 24 कैरेट सोने की कीमत 73020 रुपये प्रति 10 ग्राम है. अब देश में फेस्टिव सीजन की शुरुआत हो चुकी है, जो कि देवउठान एकादशी तक जारी रहेगी. धनतेरस पर सोने की डिमांड रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंचने वाली है. इसके बाद शुरू हो जाएगा शादियों का सीजन, जिसमें हर साल गोल्ड की डिमांड बढ़ती है. ऐसे में आने वाले तीन महीनों तक सोने की डिमांड और इसके रेट में उछाल जारी रह सकता है. 

कई युद्ध और घरेलू डिमांड से उछल रहा सोना 

चालू वित्त वर्षों में सोने के रेट में तेज उछाल आया है. दुनिया में चल रहे कई युद्ध और घरेलू डिमांड की वजह से भारत में रिकॉर्ड संख्या में सोने की सेल हुई है. दुनिया के कई सेंट्रल बैंकों ने लगातार सोना खरीदा है. इसके चलते गोल्ड की कीमत बढ़ती चली गई. इसके बाद वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट के दौरान कस्टम ड्यूटी घटा दी. इसके चलते कुछ दिनों तक लगातार सोना सस्ता हुआ. मगर, इसने फिर तेज छलांग मारते हुए आगे बढ़ना शुरू कर दिया है. अब ऐसा माना जा रहा है कि सोने की कीमत अगले 3 महीनों में रिकॉर्ड तोड़ सकती है. 

बजट के बाद रेट में आई कमी अब हुई गायब 

कामा ज्वैलरी के एमडी कॉलिन शाह के अनुसार, बजट के बाद सोने के रेट में आई कमी अब गायब हो चुकी है. भारत में सोने की डिमांड हमेशा से ज्यादा रहती है. ज्वेलर्स इस डिमांड को बढ़ाने में अहम रोल अदा करते हैं. अभी फेस्टिव और वेडिंग सीजन के चलते आगे भी यही उम्मीद है कि ज्वेलरी की डिमांड तेज होगी और इसके चलते कीमत भी ऊपर जाएगी. पूरी उम्मीद है कि लोग ज्यादा सोना खरीदेंगे. धनतेरस पर बिक्री सबसे ज्यादा हो सकती है. इसके अलावा फेड रिजर्व ने भी ब्याज दरों में कटौती के संकेत दिए हैं. 

दो हफ्ते में ही सोना और चांदी में आने लगेगा उछाल 

पीएल वेल्थ मैनेजमेंट के चीफ बिजनेस ऑफिसर शशांक पाल ने बताया कि अगले 2 हफ्ते में ही सोने की कीमत में 1 फीसदी तक का इजाफा हो सकता है. अगले तीन महीने में यह ट्रेंड तेज होता जाएगा. चांदी के भाव (Silver Price) में भी इजाफा होने की पूरी उम्मीद है. चांदी भी लगभग आधा फीसदी ऊपर सिर्फ 15 दिनों में ही जा सकती है. उन्होंने कहा कि सोने और चांदी के भाव पर दुनिया में चल रहे संकटों, घरेलू डिमांड और डॉलर के मुकाबले रुपये के भाव का बहुत असर पड़ता है. फेस्टिव सीजन और शादियां हमेशा ही ज्वेलर्स और बुलियन ट्रेडर्स के लिए खुशखबरी लेकर आती है. इस साल भी ऐसा ही होने की उम्मीद है.

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