अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (ICC) प्रत्येक बुधवार को पुरुष खिलाड़ियों की रैंकिंग (Latest ICC Ranking Update) जारी करता है. हाल ही में जारी हुई टेस्ट बल्लेबाजों की रैंकिंग में शुभमन गिल टॉप-10 से बाहर हो गए हैं, जबकि उन्होंने भारत-इंग्लैंड सीरीज में सबसे ज्यादा रन बनाए. गिल ने टेस्ट सीरीज में कुल 754 रन बनाए थे. वहीं कम रन बनाने के बावजूद यशस्वी जायसवाल लंबी छलांग लगाते हुए टॉप-5 टेस्ट बल्लेबाजों में शामिल हो गए हैं. वहीं गेंदबाजी में जसप्रीत बुमराह नंबर-1 बने हुए हैं, वहीं सिराज को भी बंपर फायदा हुआ है. यहां जानिए आखिर आईसीसी किस फॉर्मूले से खिलाड़ियों की रैंकिंग तय करता है.
ICC रैंकिंग का फॉर्मूला
खिलाड़ियों को 0 से 1000 पॉइंट्स के पैमाने पर रेटिंग दी जाती है. यही रेटिंग पॉइंट्स खिलाड़ी की रैंकिंग तय करते हैं. इसमें 500 रेटिंग पॉइंट्स का स्कोर अच्छा माना जाता है, जबकि 750 से अधिक रेटिंग वाले खिलाड़ी आमतौर पर दुनिया के टॉप-10 गेंदबाज/बल्लेबाजों में शामिल होते हैं. 900 से अधिक रेटिंग पॉइंट्स तक पहुंचना अपने आप में बहुत बड़ी उपलब्धि है, क्योंकि ऐसा क्रिकेट में बहुत कम ही देखा जाता है.
ICC खिलाड़ियों की रैंकिंग कई पहलुओं को ध्यान में रखकर करता है. इसके लिए अंक आधारित प्रणाली का इस्तेमाल किया जाता है. रैंकिंग देते समय ध्यान रखा जाता है कि खिलाड़ी का व्यक्तिगत प्रदर्शन कैसा रहा, विपक्षी टीम कितनी तगड़ी रही और यह भी ध्यान रखा जाता है कि प्लेयर ने कितनी आसान या कठिन परिस्थिति में रन बनाए या विकेट लिए हैं. उदाहरण लें तो कोई बल्लेबाज कठिन पिच, कठिन परिस्थितियों और कठिन गेंदबाजों के खिलाफ अच्छा स्कोर करता है तो उसे अधिक अंक मिलेंगे.
कौन देता है रैंकिंग?
रैंकिंग देने में किसी मानव का कोई योगदान नहीं होता, क्योंकि रैंकिंग के लिए एक एल्गोरिदम सेट किया जा चुका है. यह एल्गोरिदम ना केवल खिलाड़ी के ओवरऑल प्रदर्शन पर ध्यान देता है, बल्कि यह भी देखता है कि खिलाड़ी के रनों या विकेटों का मैच पर कितना असर पड़ा. साफ शब्दों में समझें तो रैंकिंग, रेटिंग पॉइंट्स के आधार पर तय की जाती है. किसी खिलाड़ी के रेटिंग पॉइंट्स 0-1000 तक हो सकते हैं.
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