IndusInd Bank ने हाल ही में अपने माइक्रोफाइनेंस ऑपरेशन्स में एक बड़े आंतरिक धोखाधड़ी के मामले का खुलासा किया है. बैंक के मुताबिक, 172.58 करोड़ की रकम को गलत तरीके से “फीस इनकम” के तौर पर दिखाया गया, जो कि वित्त वर्ष 2024-25 की तीन तिमाहियों में दर्ज किया गया था. इस धोखाधड़ी की परतें तब खुलीं जब बैंक की इंटरनल ऑडिट टीम (IAD) और एक बाहरी प्रोफेशनल एजेंसी ने मिलकर जांच की.

तीन तिमाहियों तक चलती रही गड़बड़ी

बैंक ने एक्सचेंज फाइलिंग में बताया कि IAD ने 20 मई, 2025 को अपनी रिपोर्ट सौंपी, जिसमें यह पाया गया कि 31 दिसंबर 2024 तक की तीन तिमाहियों में गलत तरीके से 172.58 करोड़ को फीस इनकम के रूप में दर्ज किया गया. इस राशि को FY 24-25 की चौथी तिमाही में वापस किया गया.

18 सालों में पहली बार IndusInd को तिमाही घाटा

इतना ही नहीं, बैंक ने यह भी बताया कि इस घोटाले के चलते उसे 18 वर्षों में पहली बार तिमाही घाटे का सामना करना पड़ा है. बैंक को संदेह है कि इस धोखाधड़ी में कुछ कर्मचारियों की सीधी संलिप्तता है, जिन्होंने जानबूझकर अकाउंटिंग में गड़बड़ियां कीं.

पहले भी सामने आ चुका है डेरिवेटिव पोर्टफोलियो में घोटाला

मार्च 2025 में भी IndusInd Bank ने अपने डेरिवेटिव पोर्टफोलियो में अकाउंटिंग लैप्स की बात मानी थी. उस समय इसका असर बैंक की नेटवर्थ पर 2.35 फीसदी तक बताया गया था. इसके बाद बैंक ने PricewaterhouseCoopers (PwC) को नियुक्त किया था ताकि वो इन गड़बड़ियों का गहराई से विश्लेषण कर सके. PwC की रिपोर्ट के मुताबिक, 30 जून 2024 तक इन गड़बड़ियों का कुल असर 1,979 करोड़ का था.

CEO और Deputy CEO ने दिया इस्तीफा

इस वित्तीय संकट के बाद, 29 अप्रैल को बैंक के CEO सुमंत कथपालिया और डिप्टी CEO अरुण खुराना ने इस्तीफा दे दिया. इसके बाद बैंक बोर्ड ने एक एक्ज़ीक्यूटिव कमेटी का गठन किया है जो तब तक बैंक के ऑपरेशन्स को संभालेगी, जब तक नया MD & CEO पदभार नहीं संभाल लेता.

595 करोड़ की ‘अनसब्सटैंशिएटेड बैलेंस’ और 674 करोड़ का ब्याज घोटाला

इंटरनल ऑडिट टीम ने सिर्फ फीस इनकम ही नहीं, बल्कि 595 करोड़ की संदिग्ध राशि “अन्य परिसंपत्तियों (Other Assets)” में भी पाई है, जिनका कोई ठोस हिसाब नहीं है. यही नहीं, बैंक के माइक्रोफाइनेंस पोर्टफोलियो की जांच में यह भी सामने आया कि 674 करोड़ का ब्याज भी गलत तरीके से तीन तिमाहियों में दर्ज किया गया.

ये भी पढ़ें: RBI बैंकिंग सिस्टम में नकदी डालने की रफ्तार करेगा धीमी, 6 महीनों में डाल चुका है 8.57 लाख करोड़



Source link