PhonePe Tokenized Payments: भारत डिजिटलाइजेशन के क्षेत्र में लगातार आगे बढता जा रहा है. देश में डिजिटल पेमेंट्स में भी जबरदस्त उछाल आया है. अब डिजिटल पेमेंट में एक बड़ा बदलाव करते हुए फोनपे ने क्रेडिट और डेबिट कार्ड के लिए एक डिवाइस टोकनाइजेशन सॉल्यूशन को लॉन्च किया है. इसकी मदद से फोन पे के जरिए यूजर्स बिल पेमेंट, रिचार्ज, टिकट बुकिंग, बीमा पॉलिसी की खरीद और खरीदारी के वक्त ऑनलाइन पेमेंट और अधिक सुरक्षित तरीके से कर सकते हैं. इससे ऑनलाइन फ्रॉड भी कम होगा और पेमेंट करना भी और आसान होगा.
क्या है डिवाइस टोकेनाइजेशन?
डिवाइस बेस्ड टोकेनाइजेशन पर अक्सर पूछे जाने वाले सवालों पर भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के अनुसार, टोकेनाइजेशन का मतलब अपने क्रेडिट या डेबिट कार्ड के डिटेल को एक टोकन से रिप्लेस करना है. डिवाइस टोकेनाइजेशन एक ऐसा सिक्योर मेथड है, जिसकी मदद से आपके क्रेडिट या डेबिट कार्ड डिटेल को एक यूनिक टोकन में बदल दिया जाता है. इसी के साथ जिस डिवाइस से जेनरेट किया गया है उसी डिवाइस पर यह टोकन वैलिड होगा. इससे फ्रॉड और डेटा लीक होने के खतरे कम हो जाते हैं और पेमेंट भी सिक्योर रहता है.
क्या है इसके फायदे?
फोनपे के टोकेनाइजेशन से ट्रांजैक्शन तेज होगा. इससे चेकआउट ड्रॉपऑफ कम होगा. साथ में यूजर्स को हर बार अपने कार्ड डिटेल को डालने की भी जरूरत नहीं पड़ेगी. साथ ही OTP और CVV को एंटर किए बिना ही पेमेंट सक्सेस रेट बढ़ेगा. इससे कारोबारियों को टोकेनाइज्ड कार्ड के बढ़ते नेटवर्क का भी फायदा उठाने में मदद मिलेगी. पहले चरण में फोनपे ने टोकेनाइजेशन की सुविधा वीजा क्रेडिट और डेबिट कार्ड के लिए शुरू की. बाद में मास्टरकार्ड, रूपे और अमेरिकन एक्सप्रेस जैसे अन्य कार्ड नेटवर्क भी इसमें शामिल किए जाएंगे.
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