Test Cricket: टेस्ट क्रिकेट को अनुभव और धैर्य का खेल माना जाता है, लेकिन इतिहास में कुछ ऐसे खिलाड़ी भी रहे हैं जिन्होंने बहुत ही कम उम्र में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में कदम रखकर सबको चौंका दिया. इनमें से कुछ खिलाड़ी तो उस उम्र में टेस्ट कैप पहन चुके थे, जब ज्यादातर बच्चे स्कूल में पढ़ाई या क्रिकेट की प्रैक्टिस कर रहे होते हैं. आइए जानते हैं टेस्ट क्रिकेट इतिहास के सबसे कम उम्र में डेब्यू करने वाले टॉप खिलाड़ियों के बारे में.
हसन रजा- पाकिस्तान
सबसे कम उम्र में टेस्ट क्रिकेट खेलने का रिकॉर्ड पाकिस्तान के हसन रजा के नाम है, जिन्होंने मात्र 14 साल और 227 दिन की उम्र में पाकिस्तान की ओर से टेस्ट डेब्यू किया था. यह मुकाबला 24 अक्टूबर 1996 को जिम्बाब्वे के खिलाफ फैसलाबाद में खेला गया था. हसन रजा को देखकर ऐसा लगना मुश्किल था कि वह वाकई इंटरनेशनल लेवल के मैच का हिस्सा हैं. उनके चयन को लेकर काफी विवाद भी हुआ था, लेकिन रिकॉर्ड में उनका नाम अब भी सबसे कम उम्र के टेस्ट खिलाड़ी के रूप में दर्ज है.
मुश्ताक मोहम्मद- पाकिस्तान
इस सूची में दूसरा नाम भी पाकिस्तान के ही दिग्गज क्रिकेटर मुश्ताक मोहम्मद का है, जिन्होंने 15 साल और 124 दिन की उम्र में वेस्टइंडीज के खिलाफ 26 मार्च 1959 को लाहौर में अपना पहला टेस्ट खेला था. बाद में उन्हें पाकिस्तान के सबसे सफल कप्तानों में भी गिना जाने लगा और बतौर कोच भी उन्होंने अहम योगदान दिया.
मोहम्मद शरीफ- बांग्लादेश
तीसरे नंबर पर हैं बांग्लादेश के मोहम्मद शरीफ, जिन्होंने 15 साल और 128 दिन की उम्र में जिम्बाब्वे के खिलाफ 19 अप्रैल 2001 को बुलावायो में टेस्ट डेब्यू किया था. बांग्लादेश ने भी टेस्ट क्रिकेट में नई शुरुआत की थी और शरीफ उस युवा प्रतिभा का प्रतीक थे जिसे टीम आगे बढ़ाना चाहती थी.
आकिब जावेद- पाकिस्तान
चौथे स्थान पर एक बार फिर पाकिस्तान के ही खिलाड़ी हैं, आकिब जावेद, जिन्होंने 16 साल और 189 दिन की उम्र में 10 फरवरी 1989 को न्यूजीलैंड के खिलाफ वेलिंगटन में अपने टेस्ट करियर की शुरुआत की थी. बाद में जावेद पाकिस्तान की तेज गेंदबाजी की पहचान बने और विश्व कप 1992 की जीत में भी उनका अहम योगदान रहा.
सचिन तेंदुलकर- भारत
इस सूची में पांचवें नंबर पर हैं भारत के महान बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर, जिन्हें क्रिकेट का भगवान कहा जाता है. उन्होंने मात्र 16 साल और 205 दिन की उम्र में पाकिस्तान के खिलाफ 15 नवंबर 1989 को कराची में टेस्ट डेब्यू किया था. वही मैच था जिसमें उन्होंने वसीम अकरम और वकार यूनिस जैसे धाकड़ गेंदबाजों का सामना किया और बिना डरे बेहतरीन खेल का प्रदर्शन किया था. यह मैच सचिन के महान करियर की शुरुआत थी जो आगे जाकर 200 टेस्ट मैचों और 100 अंतरराष्ट्रीय शतकों तक पहुंचा.