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<p class="whitespace-pre-wrap">जब किसी को कैंसर होता है तो डॉक्टर उसका इलाज करते हैं. कई बार तो लगता है कि इलाज से कैंसर पूरी तरह ठीक हो गया है. मरीज और उसके परिवार वाले बहुत खुश होते हैं.&nbsp;लेकिन कई बार ऐसा भी होता है कि कुछ समय बाद कैंसर फिर से वापस आ जाता है. ये बहुत ही निराशाजनक होता है. तो फिर सवाल ये उठता है कि इलाज के बाद भी कैंसर क्यों लौटता है? दरअसल कुछ कैंसर की कोशिकाएं इलाज से बच जाती हैं और फिर वो धीरे धीरे बढ़ने लगती हैं. या फिर कभी कभी शरीर में नए सिरे से कैंसर की कोशिकाएं बन जाती हैं.&nbsp;&nbsp;</p>
<p><strong>कैंसर एक ऐसी बीमारी है जो न केवल एक बार, बल्कि कई बार अपना दुष्प्रभाव दिखा सकती है.&nbsp;</strong></p>
<ul>
<li>पहला कारण है अवशिष्ट कोशिकाएं. इलाज के बावजूद, कुछ कैंसर कोशिकाएं शरीर में बच जाती हैं जो बाद में सक्रिय हो सकती हैं. ये कोशिकाएं इतनी छोटी होती हैं कि उन्हें पहचानना मुश्किल होता है, और वे धीरे-धीरे बढ़ सकती हैं, जिससे कैंसर दोबारा हो सकता है.</li>
<li>दूसरा, प्रतिरक्षा प्रणाली की भूमिका भी महत्वपूर्ण है. कई बार, शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर पड़ जाती है, जिससे बची हुई कैंसर कोशिकाएं सक्रिय हो जाती हैं.</li>
<li>तीसरा कारण है लाइफस्टाइल संबंधित कारण. धूम्रपान, अत्यधिक शराब का सेवन, और अस्वास्थ्यकर आहार जैसी आदतें कैंसर की पुनरावृत्ति को प्रभावित कर सकती हैं.</li>
<li>चौथा कारण हार्मोनल परिवर्तन है. कुछ प्रकार के कैंसर, जैसे कि स्तन कैंसर, हार्मोन से प्रभावित होते हैं, और इन हार्मोनों में परिवर्तन से कैंसर का जोखिम बढ़ सकता है.</li>
<li>अंत में, जेनेटिक कारक भी कैंसर का दोबारा होना में एक भूमिका निभा सकते हैं. कुछ व्यक्तियों में जेनेटिक प्रवृत्ति के कारण कैंसर दोबारा होने की संभावना अधिक होती है.&nbsp;</li>
</ul>
<p><strong>जरूरी सूचना <br /></strong><span style="font-family: -apple-system, BlinkMacSystemFont, ‘Segoe UI’, Roboto, Oxygen, Ubuntu, Cantarell, ‘Open Sans’, ‘Helvetica Neue’, sans-serif;">जब कोई कैंसर से ठीक हो जाता है तो बहुत ख़ुशी होती है. लेकिन इसका मतलब ये नहीं कि अब सब कुछ ठीक हो गया. कई बार तो लगता है कि कैंसर पूरी तरह गायब हो गया लेकिन वास्तव में कुछ कैंसर कोशिकाएं शरीर में बची रह जाती हैं. </span><span style="font-family: -apple-system, BlinkMacSystemFont, ‘Segoe UI’, Roboto, Oxygen, Ubuntu, Cantarell, ‘Open Sans’, ‘Helvetica Neue’, sans-serif;">इसलिए जरूरी है कि ठीक होने के बाद भी मरीज लगातार अपना ध्यान रखे. नियमित तौर पर टेस्ट करवाना चाहिए ताकि अगर कहीं कोई समस्या है तो पता चल जाए. साथ ही स्वस्थ खान-पान और जीवनशैली अपनानी चाहिए. </span><span style="font-family: -apple-system, BlinkMacSystemFont, ‘Segoe UI’, Roboto, Oxygen, Ubuntu, Cantarell, ‘Open Sans’, ‘Helvetica Neue’, sans-serif;">इस तरह के कदम उठाने से कैंसर वापस आने का खतरा कम हो जाता है. तो ठीक होने के बाद भी होशियार रहना जरूरी है.&nbsp;</span></p>
<p><span style="font-family: -apple-system, BlinkMacSystemFont, ‘Segoe UI’, Roboto, Oxygen, Ubuntu, Cantarell, ‘Open Sans’, ‘Helvetica Neue’, sans-serif;"><strong>यह भी पढ़ें&nbsp;<br /></strong><a title="खडूस है बॉस तो कैसे हैंडल करें वर्क प्रेशर? बेहद काम आएंगे ये आसान टिप्स" href="https://www.abplive.com/lifestyle/easy-tips-to-handle-a-difficult-boss-navigating-workplace-challenges-2607004" target="_self">खडूस है बॉस तो कैसे हैंडल करें वर्क प्रेशर? बेहद काम आएंगे ये आसान टिप्स</a></span></p>
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