कोविड महामारी के बाद हजारों लोगों को ब्लैक फंगस जैसी गंभीर बीमारी के चपेट में आ चुके हैं. इसे म्यूकर माइकोसिस भी कहते हैं. कई बार ऐसा होता है कि कोविड के बाद लोग ब्लैक फंगस का शिकार हो जाते हैं. लेकिन इस पहचान सही समय पर नहीं हो पाती है. आज हम इसे लक्षणों के बारे में विस्तार से जानेंगे. कोरोना वायरस के बाद ब्लैक फंगस के मामले लगातार बढ़े थे. 

ब्लैक फंगस के लक्षण शुरुआत में दिखते नहीं है. जब तक इसका पता चलता है यह गंभीर रूप ले लेते हैं. ICMR ने इस बीमारी को लेकर एक दिशा निर्देश जारी की थी. जिसमें बताया कि जब यह बीमारी किसी व्यक्ति को होती है तो उनके शरीर में इस तरह के बदलाव होते हैं. 

कोरोना के बाद ब्लैक फंगस बीमारी होने के कारण

हिंदुस्तान.कॉम में छपी खबर के मुताबिक एम्स के मेडिसिन डिपार्टमेंट के सीनियर डॉ. अनिमेष रे ने खास बातचीत में बताया कि माइकोबायोम के बढ़ने के कारण कोरोना के बाद ब्लैक फंगस के केस बढ़े थे. माइकोबायोम दरअसल उसे कहते हैं जिसमें शरीर के दूसरे अंगों में पहले से ही सुक्ष्मजीवों जैसे फंगस मौजूद होते हैं. कोरोना के बाद जिन लोगों को ब्लैक फंगस जैसी गंभीर बीमारी हुई. उनके अंदर माइकोबायोम तेजी से बढ़ा. इसके पीछे की एक वजह यह भी है कि ज्यादा स्टेरॉइड वाली दवाएं, ऑक्सीजन थेरेपी और बिना मास्क के रहने के कारण इस बीमारी के मरीज लगातार बढ़ने लगे थे. 

ब्लैक फंगस के लक्षण

फंगल इंफेक्शन के लक्षण गाल के हड्डी पर दिखाई देते हैं.इसके कारण गाल की हड्डी में दर्द होने लगता है. यह गाल के दोनों तरफ दर्द हो सकता है. यह फंगल इंफेक्शन के शुरुआती लक्षण हो सकते हैं. इसके कारण चेहरे पर घाव भी बन सकते हैं.

स्किन से जुड़ी कई सारी दिक्कतें भी हो सकती है. इस फंगल इंफेक्शन का असर आंखों पर भी दिखाई दे सकता है. इसमें आंख लाल होकर सूजन आ जाता है. यह इस इंफेक्शन के शुरुआती लक्षण है. 

ब्लैक फंगस के इंफेक्शन का असर पूरे शरीर पर दिखाई देता है. जैसे-भूलने की बीमारी, ठीक से दिखाई न देना, नसों की प्रॉब्लम, न्यूरोलॉजिकल समस्या.

अगर किसी व्यक्ति को सांस लेने मेें तकलीफ हो रही है तो यह ब्लैक फंगस इंफेक्शन के शुरुआती लक्षण हो सकते हैं. यह फंगल इंफेक्शन साइनस कैविटी और नर्व्स पर अटैक करता है. जिसके कारण गंभीर सिरदर्द होता है. 

फंगल इंफेक्शन का असर सबसे पहले चेहरे पर दिखाई देता है. इस इंफेक्शन के शुरुआती लक्षण आंख और नाक के आसपास दिखाई देते हैं. इसमें आंख और नाक के आसपास काले धब्बे दिखाई देते हैं. अगर इसका समय रहते इलाज नहीं किया गया तो पीड़िता की दांत और जबड़े से हाथ भी धोना पड़ सकता है.

Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.

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