डिजिटल डेस्क, इस्लामाबाद। दुनियाभर में पाकिस्तान को आतंकवाद की फैक्ट्री के लिए जाना ही जाता था कि अचानक श्रीलंका जैसे हालात की स्थिति बनने लगी है। खबरों के मुताबिक, पाकिस्तान इन दिनों सबसे बुरे आर्थिक संकट से गुजर रहा है और लोगों का मानना है कि बस कुछ ही दिन बाद पाकिस्तान में भी वही देखने को मिल सकता है, जो हाल के दिनों में श्रीलंका में देखने को मिला। लोगों का ये भी कहना है कि पाकिस्तान के लोग भयंकर महंगाई व खाने-पीने जैसी आवश्यक सामग्री के लिए तरस रहे हैं। बेकाबू महंगाई की वजह से आम लोगों से हर जरूरत की चीज दूर होती जा रही है।
कंगाली की कगार पर आ पहुंचा पाकिस्तान दुनियाभर के देशों से भीख मांग रहा है। पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था पूरी तरह से चौपट हो चुकी है। गौरतलब है कि पाकिस्तान का विदेशी मुद्रा भंडार अपने सबसे बुरे दौर से गुजरते हुए 8 बिलियन डॉलर से भी नीचे चला गया है। गौरतलब है कि 11 अक्टूबर 2019 से लेकर अब तक पाकिस्तानी विदेशी मुद्रा भंडार का यह सबसे नीचला स्तर है।
श्रीलंका जैसे हालात की आशंका
जानकारों की माने तो अगर पाकिस्तान को आईएमएफ की तरफ से मदद नहीं किया गया तो फिर श्रीलंका जैसे हालात बनने से कोई नहीं रोक सकता। बीते 5 अगस्त को स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान ने डाटा जारी किया, इस डेटा में पाकिस्तान की विदेशी मुद्रा भंडार 7830 मिलियन डॉलर रिकॉर्ड किया गया हैं। यह पाकिस्तान में पिछले तीन सालों का सबसे खराब स्तर बताया जा रहा है।
पाकिस्तान विदेशी मुद्रा भंडार में 29 जुलाई से 5 अगस्त के बीच यानी करीब एक सप्ताह में ही 555 मिलियन डॉलर की कमी देखी गई है। अगर ऐसे ही रिकार्ड स्तर पर पाकिस्तान की विदेशी मुद्रा भंडार कम होता चला गया तो जल्द ही पाकिस्तान एक बड़े आर्थिक संकट में फंस सकता है।
कर्ज बना पाक के लिए मुसीबत
पाक के सेंट्रल बैंक मुताबिक, पाकिस्तान में विदेशी मुद्रा भंडार में इस वजह से कमी आती गई क्योंकि पाकिस्तान लगातार बाहरी देशों से कर्ज ले रहा हैं। उधर स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान ने अगस्त माह में कर्ज चुकाने का भार कम रहने की उम्मीद जताई है। स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान ने आगे बताया कि पाकिस्तान की तरफ से अगस्त माह के पहले हफ्ते में करीब तीन-चौथाई कर्ज चुकाया जा चुका है। इसी वजह से अगस्त के बचे हफ्तों में कर्ज का बोझ कम रहने का अनुमान है।
चीन का काफी कर्जदार है पाकिस्तान
अंतर्राष्ट्रीय मामलों में जानकारी रखने वाले लोगों की माने तो पाकिस्तान की बदहाल हालात की वजह एक तरफ भ्रष्टाचार है तो वहीं दूसरी तरफ राजनीतिक अस्थिरता है। अगर कोई सरकार सत्ता में आती भी है तो वह पांच साल पूरे नहीं कर पाती है। देश आर्थिक कर्ज के नीचे निरंतर दबता चला जा रहा है। इससे उबरने के पाकिस्तान सरकार ने चीन से 2.3 अरब डॉलर का भारी कर्ज भी ले लिया है। हालांकि, सरकार ने खुलासा नहीं किया कि कितनी उच्च ब्याज दरों पर सरकार ने कर्ज लिया है। लेकिन इतना साफ है कि जितना जल्दी सरकार का खजाना खाली हो रहा है, जल्द ही देश में अर्थिक संकट देखने को मिल सकती है।