डिजिटल डेस्क, मैसूर। ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित लोकप्रिय कन्नड़ साहित्यकार डॉ. चंद्रशेखर कंबार ने हाल ही में प्रदर्शित एक नाटक में उनके साहित्यिक कलाओं को तोड़-मरोड़ कर पेश करने के संबंध में मंगलवार को मैसूर के पुलिस आयुक्त से शिकायत की। कंबार ने अपनी शिकायत में कहा कि उनकी किताब संबाशिव प्रहसन पर आधारित नाटक को घृणित तरीके से तोड़ा-मरोड़ा गया है। नाटक का प्रदर्शन करने वाली संस्था रंगायन ने उनसे सहमति लिए बिना इसका प्रदर्शन किया।

उन्होंने अपनी शिकायत में कहा, मेरे किसी भी काम में व्यक्तिगत दुर्व्यवहार नहीं है। उन लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए, जिन्होंने नाटक के प्रदर्शन से पहले मेरी अनुमति नहीं मांगी। निर्देशक ने आपत्तिजनक सीन्स जोड़ दिए।

नाटक का प्रदर्शन 31 दिसंबर को रंगायना में किया गया था। विपक्ष के नेता सिद्दारमैया के समर्थकों और राज्य कुरुबा एसोसिएशन के अध्यक्ष सुब्रमण्यम ने जयलक्ष्मीपुरम पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई है कि नाटक में उनके नेता सिद्दारमैया का अपमान किया गया है। सिद्दारमैया के समर्थकों ने भी नाटक की प्रदर्शनी के तुरंत बाद एक विरोध प्रदर्शन किया, जिसमें दावा किया गया था कि नाटक ने सिद्दारमैया और कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष डीके शिवकुमार का अपमान किया है।

उनकी शिकायत में कहा गया है कि नाटक में सिद्दारमैया सरकार की प्रमुख अन्न भाग्य (मुफ्त चावल) परियोजना का मजाक उड़ाया गया था। नाटक में एक संवाद है जिसमें कहा गया है कि अन्न भाग्य जैसी योजना देकर लोगों को सुस्त बना दिया जाता है। शिवकुमार को केडी अंकल कहा गया, जिसका मतलब खलनायक होता है। शिकायत में नाटक में अभिनय करने वाले सभी 18 लोगों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की गई है।

सोर्सः आईएएनएस

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