गौड़ गुड्डू मुकेश को परिजन महाराष्ट्र के गोंदिया स्थित घर ले गए हैं।
31 जनवरी को विदिशा और भोपाल के बीच लापता हुआ जवान गौड़ गुड्डू मुकेश 12 फरवरी को बैतूल के चिचोली में मिला। उसने बताया- किसी ने मेरा ट्रेन से अपहरण किया था। मैं 12 दिन तक बेहोश रहा। आंख खुली तो कुछ लोग मुझे बोलेरो में कहीं ले जा रहे थे। मैं गाड़ी से कूद
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गौड़ गुड्डू मुकेश (26) सेना की लद्दाख यूनिट में गनर है। वह छुट्टियां मनाने अपने घर महाराष्ट्र के गोंदिया आया था। 31 जनवरी को यूनिट के लिए लौटते वक्त ट्रेन से लापता हो गया था।
उधर, पुलिस का कहना है कि जवान की मानसिक स्थिति ठीक नहीं है। घायल होने की वजह से उसे चिचोली प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया गया था। वह बार-बार बयान बदल रहा था। हम हर एंगल से जांच कर रहे हैं।
बीएमओ राजेश अतुलकर ने बताया कि मुकेश की शारीरिक हालत अब ठीक है। उसके सीनियर अफसर और पिता उसे अपने साथ भंडारा ले गए हैं।
प्रत्यक्षदर्शी बोले- भागते हुए चाय की दुकान पर पहुंचा मुकेश को अस्पताल पहुंचाने वाले पूर्व जनपद सदस्य डोमा सिंह ने कहा- हम बुधवार रात करीब 8 बजे आलमपुर में एक दुकान पर चाय पी रहे थे। इसी दौरान युवक भागते हुए वहां पहुंचा। दो लोग उसके पीछे दौड़ रहे थे। युवक ने खुद काे आर्मी का जवान बताया। मौके से 500 मीटर दूर एक बोलेरो खड़ी थी।
जवान घबराया हुआ था। उसके शरीर पर ब्लेड से काटने के निशान थे। उसे घबराहट हो रही थी। हम उसे निजी वाहन से सीएचसी, चिचोली ले गए।
मुकेश ने कहा कि उसका किसी ने अपहरण कर लिया था। वह 12 दिन तक बेहोश रहा।
पुलिस को दिए तीन अलग-अलग बयान…
पहले कहा- सीधे 12 तारीख को होश आया पुलिस के मुताबिक, मुकेश ने पहले बयान में कहा- मैं इंडियन आर्मी में जॉब करता हूं। लद्दाख में मेरी यूनिट है। 31 जनवरी को 11 बजे गोंदिया स्थित अपने घर से यूनिट जाने के लिए निकला था। रिजर्वेशन कन्फर्म नहीं था। इसीलिए भंडारा से गोंडवाना एक्सप्रेस में जीआरपी वाले से बात कर बी-4 कोच की एक सीट पर लेट गया।
घर वालों से फोन पर भोपाल तक बात हुई। विदिशा से बीना के बीच मैं टॉयलेट गया। इस दाैरान बाजू से एक आदमी निकला। पता नहीं कैसे मैं बेहोश हो गया। फिर 12 तारीख को ही होश आया।
फिर कहा- होश आया तो हाथ पैर बंधे थे दूसरे बयान में मुकेश ने बताया- 31 जनवरी को मैं अपने घर से ड्यूटी पर जाने के लिए निकला। गोंडवाना एक्सप्रेस में बैठा। रात 8-9 बजे के बीच भोपाल से विदिशा स्टेशन के बीच वॉशरूम के लिए जाने लगा। इसी बीच मेरे सिर पर पीछे से किसी ने डंडा मारा। इसके बाद मुझे कुछ होश नहीं रहा।
जब होश आया तो मेरे हाथ पैर बंधे थे। आंख पर पट्टी थी। इसके बाद मुझे 12 तारीख को बोलेरो में कहीं ले जाया जा रहा था। गाड़ी स्लो हुई तो मैंने कूदकर भागने की कोशिश की। मैं एक जगह गिर पड़ा। जहां कुछ लोग इकट्ठा थे। उन लोगों ने मेरा बचाव किया। मुझे हॉस्पिटल लेकर आए। मेरे परिजन से पता चला कि मेरा सामान दिल्ली में जमा है।
तीसरा बयान- चोट कैसे आई, नहीं पता पुलिस के मुताबिक, तीसरे बयान में मुकेश बोला- मैं किस वाहन से यहां आया, मुझे नहीं पता। वह चोट के बारे में भी नहीं बता सका। उसने कहा कि यह कांच, चाइना मेड चाकू या ब्लेड की चोट हो सकती है।
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मुकेश बैतूल में चिचोली के स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती रहा था।
पुलिस बोली- मानसिक स्थिति ठीक नहीं चिचोली थाने के एएसआई मुजफ्फर हुसैन ने बताया- मुकेश 31 जनवरी को भंडारा से ट्रेन के जरिए दिल्ली के लिए रवाना हुआ था। 1 फरवरी को वहां नहीं पहुंचा तो परिजन ने भंडारा में उसकी गुमशुदगी दर्ज करवाई थी।
मानसिक स्थिति ठीक नहीं होने से मुकेश अलग-अलग कहानी बता रहा है। उसके तीन-चार बार बयान दर्ज किए गए। उसका पीछा कितने और कौन लोग कर रहे थे, इसके बारे में भी जानकारी नहीं दे पा रहा है। अब तक इस मामले में कोई क्लू नहीं मिला है।
भंडारा पुलिस भी कर चुकी पूछताछ चिचोली पुलिस ने भंडारा में डिस्ट्रिक्ट कमांडर किरण गोस्वामी को जानकारी दी। गुरुवार को भंडारा से मुकेश के पिता मुखबिर सिंह के साथ पुलिस चिचोली पहुंची और जवान से पूछताछ की।
बैतूल एसपी निश्चल एन झारिया ने बताया- कॉल डिटेल से जानकारी मिली है कि जब मुकेश ट्रेन में यात्रा कर रहा था, तब बीना तक उसकी फोन पर परिजन से बात होती रही। इसके बाद वह कहां रहा, इसकी जांच कर रहे हैं।
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भंडारा पुलिस मुकेश को अपने साथ ले गई है।
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