DHFL Scam: 34000 करोड़ रुपये के बैंकिंग फ्रॉड मामले में सीबीआई ने डीएचएफएल (DHFL) के पूर्व डायरेक्टर धीरज वधावन को गिरफ्तार कर लिया है. धीरज वधावन को मुंबई में सोमवार 13 मई 2024 को गिरफ्तार किया गया था. मंगलवार को उसे दिल्ली में स्पेशल कोर्ट में पेश किया जहां अदालत ने उसे न्यायिक हिरासत में भेज दिया है.   

34,000 करोड़ रुपये की 17 बैंकों की कंसोर्टियम से धोखाधड़ी के मामले में सीबीआई ने पहले ही मामला दर्ज कर चुकी है. यूनियन बैंक ऑफ इंडिया इस बैंकों की कंसोर्टियम की अगुवाई कर रही है. बैंक फ्रॉड मामले में सीबीआई की चार्जशीट में 2022 में ही धीरज वधावन के नाम को शामिल कर लिया गया था. देश के बैंकिंग इतिहास का इसे सबसे बड़ा फ्रॉड माना जाता है. इससे पहले भी सीबीआई धीरज वधावन को यस बैंक घोटाले मामले में गिरफ्तार कर चुकी थी और इस मामले में फिलहाल वो जमानत पर था. 

सीबीआई ने नई दिल्ली के राउज एवेन्यू कोर्ट के स्पेशल कोर्ट में डीएचएफएल के तबके सीएमडी कपिल वधावन और डायरेक्टर धीरज वधावन समेत कुल 74 लोगों और 57 कंपनियों के खिलाफ चार्जशीट दायर किया था. इनपर 17 बैंकों के साथ फ्रॉड करने का आरोप है. चार्जशीट में सीईओ हरशिल मेहता के नाम को भी शामिल किया गया था.  

यूनियन बैंक ऑफ इंडिया की शिकायत पर जो एपआईआर दर्ज की गई उसमें कहा गया कि डीएचएफएल के कपिल वधावन धीरज वधावन जो कि डायरेक्टर था उसने दूसरे आरोपियों के साथ मिलकर यूनियन बैंक ऑफ इंडिया के नेतृत्व वाले 17 बैंकों को कंसोर्टियम के साथ फ्रॉड को अंजाम देने के लिए आपराधिक साजिश रची और इन बैंकों पर 42,871.42 करोड़ रुपये कर्ज देने को कहा. कर्ज के हिस्से के बड़े रकम को निकालकर उसका दुरुउपयोग किया गया. सीबीआई के मुताबिक डीएचएफएल के बुक्स में हेराफेरी की गई. शिकायत में ये आरोप लगाया गया कि  31 जुलाई, 2020 तक बकाये रकम के 17 बैंको के  कंसोर्टियम को 34615 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है. 

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