​HR Solutions Supplier Genius Consultants Survey: अगर आप भी कहीं नौकरी करते हैं तो यह खबर आपके लिए बेहद जरूरी है. अगर आप नौकरी करते हुए ज्यादा स्ट्रेस लेते हैं तो इसके गंभीर परिणाम हो सकते हैं. एक रिपोर्ट के अनुसार काम से जुड़े तनाव के चलते कर्मचारियों के मानसिक स्वास्थ्य पर प्रभाव पड़ता है. जिससे कर्मी की वर्क एफिशिएंसी भी कम हो जाती है. रिपोर्ट के अनुसार 77 फीसदी लोगों ने कहा कि तनाव एंजाइटी और डिप्रेशन का कारण बनता है. एचआर सोलूशन्स प्रोवाइड जीनियस कंसल्टेंट्स की रिपोर्ट के अनुसार 14 प्रतिशत लोग इस पर न्यूट्रल रहे और 9 फीसदी लोगों ने इस संभावना से इनकार किया.

ये सर्वे बैंकिंग और वित्त, निर्माण और इंजीनियरिंग, शिक्षा, एफएमसीजी, आतिथ्य, मानव संसाधन समाधान, आईटी, आईटीईएस और बीपीओ, रसद और विनिर्माण जैसे क्षेत्रों में 5 सितंबर से 15 अक्टूबर 2022 तक 1,380 कर्मचारियों के बीच किया गया था. रिपोर्ट के अनुसार सर्वे में शामिल 82 फीसदी प्रतिभागियों ने कहा कि इम्यूनोडिफिशिएंसी विकार, गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल विकार और मस्कुलोस्केलेटल विकार जैसे स्वास्थ्य मुद्दे सीधे काम से संबंधित तनाव से जुड़े हैं.

तनाव करता है मानसिक स्वास्थ्य को प्रभावित 
रिपोर्ट में कहा गया है कि 73 फीसदी लोगों ने काम के तनाव से निपटने के लिए एक झपकी (Mid-Work Nap) लेने का सुझाव दिया है. हालांकि 18% लोग इस बारे में अनिश्चित थे और 9 प्रतिशत लोगों ने इससे असहमती जताई. वहीं, कई लोगों ने कार्य दिवसों में कमी करने पर अपनी सहमति दिखाई. सर्वे में शामिल 68 प्रतिशत प्रतिभागियों ने सहमति व्यक्त की कि कार्य दिवसों में कमी होनी चाहिए. जबकि 18 प्रतिशत इस पर तटस्थ थे और 14 प्रतिशत इस विचार से सहमत नहीं थे. रिपोर्ट के अनुसार अधिकतम लोगों का ऐसा मानना है कि काम से संबंधित तनाव किसी व्यक्ति के मानसिक स्वास्थ्य को प्रभावित करता है.

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