मुंबई3 दिन पहले

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नंदन नीलेकणि ने जून में $38.5 मिलियन (₹315 करोड़) के साथ IIT बॉम्बे को सबसे बड़ा व्यक्तिगत योगदान दिया था।

आईआईटी बॉम्बे को पूर्व छात्रों (Alumni) ने 57 करोड़ रुपए डोनेट किए हैं। ये पैसे सिल्वर जुबली रीयूनियन सेलिब्रेशन के मौके पर दिए गए। इसके लिए 1998 बैच के 200 से ज्यादा पूर्व छात्रों ने रकम इकट्ठा की थी।

आईआईटी में इस पैसे का इस्तेमाल हॉस्टल को सुधारने और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) लैब स्थापित करने में किया जाएगा। साथ ही जरूरतमंद छात्रों के लिए स्कॉलरशिप भी शुरू की जाएगी।

IIT बॉम्बे को किसी पूर्व बैच से मिली यह सबसे बड़ी रकम है। इससे पहले 1971 बैच के स्टूडेंट्स ने संस्थान को 41 करोड़ रुपए दिए थे।

डायरेक्टर बोले- ये पैसा विकास में मदद करेगा
आईआईटी बॉम्बे के डायरेक्टर प्रोफेसर सुभाशीष चौधरी ने कहा- मैं उनकी उदारता के लिए 1998 बैच का आभारी हूं। यह फंड आईआईटी के विकास में मदद करेगा। प्रो. चौधरी ने कहा कि इस फंड से छात्रों के लिए टिकाऊ और इकोफ्रैंडली हॉस्टल, मेकरस्पेस लैब बनाई जाएगी। यह फंड अपनी तरह का पहला बंदोबस्ती कोष बनाने के लिए भी इस्तेमाल होगा। डोनेटर्स में से एक अपूर्व सक्सेना ने कहा- हमने सुझाव दिया है कि ये फंड अगले तीन से चार साल में दिया जाएगा।

डोनेटर्स में ये पूर्व छात्र शामिल हैं
पैसा इकट्‌ठा करने वालों में अपूर्व सक्सेना, शैलेन्द्र सिंह, दिलीप जॉर्ज, श्रीकांत शेट्टी, संदीप जोशी, मोहन लाखमराजू, अनुपम बनर्जी और विशाल शाह शामिल हैं। हालांकि किसने कितना पैसा दिया, यह बताया नहीं गया। सक्सेना ने कहा- व्यक्ति गुमनाम रहना चाहता है लेकिन मैं आपको बता सकता हूं कि कोई भी योगदान कुल योगदान के आधे से ज्यादा नहीं है।

पहले भी एलुमिनी स्टूडेंट्स ने दिया है डोनेशन
यह किसी क्लास का दिया हुआ, सबसे बड़ा जॉइंट डोनेशन है। इससे पहले 1971 के बैच ने अपने स्वर्ण जयंती समारोह के लिए ₹41 करोड़ जुटाए थे।

नंदन और IIT बॉम्बे के डायरेक्टर प्रोफेसर सुभाशीस चौधरी ने बेंगलुरु में मेमोरेंडम ऑफ अंडरस्टैंडिंग (MoU) पर साइन किए थे।

नंदन और IIT बॉम्बे के डायरेक्टर प्रोफेसर सुभाशीस चौधरी ने बेंगलुरु में मेमोरेंडम ऑफ अंडरस्टैंडिंग (MoU) पर साइन किए थे।

  • नंदन नीलेकणि ने जून में $38.5 मिलियन (₹315 करोड़) के योगदान के साथ संस्थान में सबसे बड़ा व्यक्तिगत योगदान दिया था, जो उनके पिछले अनुदान में कुल ₹85 करोड़ था। पढ़ें पूरी खबर..
  • अगस्त में, एक गुमनाम पूर्व छात्र ने हरित ऊर्जा और स्थिरता अनुसंधान केंद्र के माध्यम से जलवायु अनुसंधान के लिए $18.6 मिलियन (₹153 करोड़) का योगदान दिया था।

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