दिलेला शब्द पाळणार! लाडकी बहिण योजडना कधीही बंद होणार नाही, एकनाथ शिंदेंचं वक्तव्य

दिलेला शब्द पाळणार! लाडकी बहिण योजडना कधीही बंद होणार नाही, एकनाथ शिंदेंचं वक्तव्य


Eknath Shinde :  महायुतीनं लाडकी बहीण योजना (Ladki Bahin Yojana) आणली, या योजनेच्या विरोधात अनेकजण न्यायालयात गेले होते. पण आज मी सांगतो की लाडकी बहिण योजना कधीही बंद होणार नसल्याचे वक्तव्य राज्याचे उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) यांनी केलं. दिलेला शब्द पाळणारा हा एकनाथ शिंदे आहे. फिल्मी डायलॉग आहे न एक बार मैने कमेटमेंट कर दी तो मै किसीकी भी नही सूनता असे एकनाथ शिंदे म्हणाले. 

प्रिती बंड यांचा शिवसेना शिंदे गटात प्रवेश 

एकनाथ शिंदे हे आज अमरावती दौऱ्यावर आहेत. तिथे आज शिवसेना ठाकरे गटाच्या नेत्या प्रिती बंड यांचा शिवसेना शिंदे गटात प्रवेश झाला. त्यावेळी ते बोलत होते. यावेली प्रथमच इतके मंत्री अमरावतीत आलेत. या महाराष्ट्र्र 200 पेक्षा जास्त आमदार निवडून आणू असं सांगितलं होतं. जर आले नाहीतर गावात जाऊन शेती करणार असल्याचे म्हणालो होतो, असे एकनाथ शिंदे म्हणाले. नेते युरोपात आणि कार्यकर्ते कोमात, असे म्हणत एकनाथ शिंदे यांनी उद्धव ठाकरेंना टोला लगावला. 

मी विचारांशी कधीही तडजोड केली नाही

प्रिती ताई आपण स्वगृही आलात, तुमच्या पाठीशी हा तुमचा भाऊ उभा आहे असेही एकनाथ शिंदे म्हणाले. संजय बंड यांनी रक्ताचं पाणी करुन शिवसेना वाढवली पण आता ते बघा काय समजतात. या आमच्या शिवसेनेत कोणीच नेता नाही. शिवसेना अजून आपल्याला वाढवायची आहे. मेहनत केल्यानंतर काय होते ते बघा असेही एकनाथ शिंदे म्हणाले. मी शेतात गेलो की, काहीजण म्हणतात बघा गेला, नाराज झाला, मी मजा घेत असतो असेही ते म्हणाले. पण काहीजण तर विदेशात जातात असा टोला त्यांनी उद्धव ठाकरेंना लगावला. मी विचाराशी कधीही तडजोड केली नाही. म्हणून जी पद आहे ती लोकांच्या सेवेत देतो असे एकनाथ शिंदे म्हणाले. 

मॉक ड्रिल करु करु म्हणत तिकडे बॉम्ब सोडले

पहलगाममध्ये दहशतवाद्यांनी हल्ला केला, त्यानंत पंतप्रधान नरेंद्र मोदी यांनी ईट का जवाब पत्थर से दिल्याचे एकनाथ शिंदे म्हणाले. तेव्हाचे राज्यकर्ते हल्ला झाला की कोणीच बोलत नव्हते. पण आता घुसके मारने वाले राज्यकर्ते असल्याचे एकनाथ शिंदे म्हणाले. मॉक ड्रिल करु करु म्हणत तिकडे बॉम्ब सोडल्याचे एकनाथ शिंदे म्हणाले. मी भारतीय जवानांचा आणि पंतप्रधान यांचं अभिनंदन करतो असे शिंदे म्हणाले. 

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मालेगांव ब्लास्ट का फैसला 31 जुलाई तक टला:  एनआईए की स्पेशल कोर्ट ने मुंबई हाईकोर्ट से मांगा समय, साध्वी प्रज्ञा बोलीं-सत्यमेव जयते – Bhopal News

मालेगांव ब्लास्ट का फैसला 31 जुलाई तक टला: एनआईए की स्पेशल कोर्ट ने मुंबई हाईकोर्ट से मांगा समय, साध्वी प्रज्ञा बोलीं-सत्यमेव जयते – Bhopal News


29 सितंबर 2008 को मालेगांव में एक मस्जिद के पास ब्लास्ट में 6 लोगों की मौत हो गई थी। 101 घायल हुए थे।

महाराष्ट्र के मालेगांव ब्लास्ट मामले में फैसला टल गया है। गुरुवार को एनआईए की स्पेशल कोर्ट ने मुंबई हाईकोर्ट से दोषियों को सजा सुनाने के लिए 31 जुलाई तक का समय मांगा है। माना जा रहा है कि अब एनआईए कोर्ट 31 जुलाई को फैसला सुनाएगा।

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इससे पहले गुरुवार सुबह मामले में साध्वी प्रज्ञा सिंह समेत सभी आरोपी और पीड़ित कोर्ट पहुंचे। केस की मुख्य आरोपी भोपाल की पूर्व सांसद साध्वी प्रज्ञा ठाकुर हैं। साध्वी के अलावा लेफ्टिनेंट कर्नल प्रसाद पुरोहित समेत कुल 12 आरोपी हैं, जिन पर आतंकी साजिश, हत्या, धार्मिक उन्माद फैलाने के आरोप हैं।

29 सितंबर 2008 को मालेगांव में ब्लास्ट हुआ था। इसमें 6 लोगों की मौत हो गई थी और 101 घायल हुए थे। शुरुआत में मामले की जांच महाराष्ट्र एटीएस ने की थी। साल 2011 में केस नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (NIA) को सौंप दिया गया।

एनआईए ने प्रज्ञा सिंह समेत केस के आरोपियों को क्लीनचिट दे दी थी, लेकिन कोर्ट ने कहा कि आरोपियों को मुकदमे का सामना करना पड़ेगा। अप्रैल 2025 में एनआईए ने यू-टर्न लेते हुए मुंबई की स्पेशल कोर्ट में याचिका दायर करते हुए कहा कि आरोपियों को बेकसूर मानने की बात गलत है, उन्हें कड़ी सजा मिलनी चाहिए।

प्रज्ञा ठाकुर को मालेगांव बम ब्लास्ट मामले में 2008 में गिरफ्तार किया गया था।

साध्वी ने कहा- सत्यमेव जयते पर मेरा विश्वास कोर्ट के बाहर प्रज्ञा ठाकुर ने कहा- आज डिसीजन होना था, ऐसा नहीं है। जज साहब ने तारीख दी थी। अगली तारीख में डिसीजन होगा, ये तय है। जज साहब ने कहा कि इसमें एक लाख से अधिक पेज हैं। बड़ा केस है। इसमें समय लगता है। किसी के साथ अन्याय नहीं होना चाहिए। सबको न्याय मिले। अगली तारीख 31 जुलाई दी है। इसमें सभी को उपस्थित होना चाहिए।

ठाकुर ने कहा- सत्यमेव जयते पर मेरा पूर्ण विश्वास है। जिस व्यक्ति पर आरोप लगता है या तो वो जानता है या ईश्वर जानता है। सरकारी पक्ष की ओर से कैपिटल पनिसमेंट की मांग के सवाल पर प्रज्ञा ने कहा- एटीएस चाहती तो मेरी मुंडी उसी दिन मरोड़ देती। उनकी इतनी दुश्मनी है। पता नहीं क्यों है? मैं विधर्मियों के लिए उनकी दुश्मन हूं और हमेशा रहूंगी। जो देशविरोधी हैं…देश के गद्दार हैं, उनकी मैं दुश्मन हूं।

प्रज्ञा ठाकुर के वकील ने कहा- 31 जुलाई को मालूम पड़ जाएगा कि आरोपियों को कैसे फंसाया गया।

प्रज्ञा ठाकुर के वकील ने कहा- 31 जुलाई को मालूम पड़ जाएगा कि आरोपियों को कैसे फंसाया गया।

वकील बोले- 31 जुलाई को पता चल जाएगा कि कैसे फंसाया गया साध्वी प्रज्ञा सिंह के वकील जेपी मिश्रा ने बताया- 19 अप्रैल को केस आर्गुमेंट से क्लोज हुआ। कोर्ट ने आज 8 मई को केवल सभी आरोपियों को हाजिर रहने के लिए कहा था। सभी ने हाजिरी लगाई। दीदी (प्रज्ञा) भी मौजूद रहीं। अब 31 जुलाई को जजमेंट आएगा।

कोई सबूत हो या न हो, जो प्रॉसिक्यूट करता है, वह कहता है कि सबको सजा दो। हम कहते हैं, सबको छोड़ दो। कोर्ट सबूतों के आधार पर डिसाइड करता है कि छोड़ना है या सजा देना है। उन्होंने कहीं नहीं कहा कि कैपिटल पनिशमेंट दो। फांसी दो, कहीं नहीं है। 31 जुलाई को जजमेंट आएगा तो दुनिया को मालूम पड़ जाएगा कि कौन निर्दोष है और आरोपियों को कैसे फंसाया गया।

मिश्रा ने कहा- केस में 17 साल लगे, इसके लिए हम लोग जिम्मेदार नहीं हैं, प्रॉसिक्यूशन जिम्मेदार है। झूठा मकोका लगाया। सुप्रीम कोर्ट ने मकोका कैंसिल किया। इसमें 8 साल लग गए। नौ-नौ साल तक लोगों को जेल में रखा गया। ये उस समय के एटीएस की बदमाशी थी, नहीं तो इतना समय नहीं लगता।

323 गवाहों में से 32 ने बदल दिए थे बयान नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी ने अदालत से आरोपियों के साथ किसी भी तरह की नरमी न बरतने का आग्रह किया था। हालांकि, सुनवाई के दौरान 323 गवाहों में से 32 ने अपने बयान वापस ले लिए थे।

ब्लास्ट के बाद मौके पर 15 हजार लोग, पुलिस पर बरसाए पत्थर ब्लास्ट के तुरंत बाद मौके पर पुलिस पहुंची। वहां 15 हजार लोग मौजूद थे। सभी ब्लास्ट के कारण गुस्से में थे। उन्होंने पुलिस का विरोध किया और पत्थर फेंकना शुरू कर दिया। हमले में कई वाहन क्षतिग्रस्त हो गए जबकि कई पुलिसकर्मियों को चोट लगी। भीड़ के शांत होने के बाद पुलिस ने बम ब्लास्ट की जांच शुरू की। एफएसएल नासिक की टीम को ब्लास्ट से जुड़े 5 अहम पॉइंट्स पता चले…

  • ब्लास्ट में आरडीएक्स का यूज किया गया था।
  • एक्सप्लोसिव डिवाइस को बाइक की सीट के नीचे रखा गया था, जिससे बाइक के ईंधन टैंक में विस्फोट हुआ था।
  • बॉल बेयरिंग और छोटे थ्रेडेड कास्ट आयरन के टुकड़ों की मौजूदगी से संकेत मिला कि उन्हें विस्फोटक डिवाइस के रूप में इस्तेमाल किया गया था।
  • उपचारित कास्ट आयरन के टुकड़ों का सावधानीपूर्वक निरीक्षण करने से पता चला कि पाइप के अंदर एक्सप्लोसिव रखा गया था।
  • विस्फोटक डिवाइस रिमोट मैकेनिज्म से ट्रिगर किया गया था या प्रिंटेड सर्किट बोर्ड डिवाइस पर टाइमर सेट किया गया था। जो विस्फोट के बाद नहीं मिला।

साध्वी प्रज्ञा ठाकुर के नाम से रजिस्टर्ड थी बाइक जांच में ये पता चला कि जिस बाइक में विस्फोटक लगाकर ब्लास्ट किया गया था वो साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर के नाम है। घटना के 22 दिन बाद 23 अक्टूबर 2008 को मुंबई से साध्वी प्रज्ञासिंह को दो अन्य आरोपी शिवनारायण कलसांगरा और श्याम साहू के साथ गिरफ्तार कर लिया गया।

इसके बाद संदीप डांगे और प्रवीण मुतालिक के बारे में भी पता चला। रामचंद्र कलसांगरा, संदीप, प्रवीण ने बाइक में एक्सप्लोसिव डिवाइस लगाकर उसे प्लांट किया था। इसके बाद पुलिस ने एक एक कर 11 आरोपियों को गिरफ्तार किया, जिसमें साध्वी प्रज्ञा सिंह को मुख्य आरोपी माना गया।

केस में महाराष्ट्र एटीएस की एंट्री 26 अक्टूबर 2008 को ब्लास्ट की जांच महाराष्ट्र एंटी टेटर स्क्वॉड (ATS) को सौंप दी गई। मुंबई के एसीपी और चीफ इन्वेस्टिगेशन ऑफिसर मोहन कुलकर्णी ने शुरुआती जांच की। उन्होंने महाराष्ट्र कंट्रोल ऑफ ऑर्गेनाइज्ड क्राइम एक्ट (मकोका) की धाराएं भी केस में जोड़ी।

जनवरी से प्लानिंग, सितंबर में एक्जीक्यूशन एटीएस के मुताबिक संगठन के सदस्यों ने ब्लास्ट से पहले फरीदाबाद, कोलकाता, भोपाल, जबलपुर, इंदौर, नासिक में कई मीटिंग की थी। इसमें टारगेट पूरा करने के लिए हर किसी की जिम्मेदारी तय की थी। इस पूरे मामले की जांच के बाद एटीएस ने अपनी रिपोर्ट सब्मिट की। इसमें ब्लास्ट की पूरी साजिश के बारे में सिलसिलेवार बताया गया। एटीएस के मुताबिक-

  • आरोपी कर्नल प्रसाद पुरोहित ने 2007 में अभिनव भारत संगठन शुरू किया। वो मिलिट्री इंटेलिजेंस से जुड़ा था। उसका उद्देश्य अलग संविधान के साथ हिंदू राष्ट्र का निर्माण करना था।
  • कर्नल पुरोहित के साथ सह आरोपी रमेश उपाध्याय, स्वामी एडी तीरथ, समीर कुलकर्णी, अजय राहिरकर, सुधाकर चतुर्वेदी सहित अन्य आरोपी और कुछ गवाह अभिनव भारत संगठन के मेंबर थे।
  • 25-26 जनवरी 2008 को फरिदाबाद में मीटिंग रखी गई, जिसमें आरोपी कर्नल प्रसाद पुरोहित, रमेश उपाध्याय, सुधाकर द्विवेदी, समीर कुलकर्णी, सुधाकर चतुर्वेदी मौजूद थे।
  • आरोपी कर्नल पुरोहित ने एक्सप्लोसिव उपलब्ध कराने की जिम्मेदारी ली जबकि सुधाकर चतुर्वेदी ने दो लोगों को उपलब्ध कराने का जिम्मा लिया जो किसी स्थान पर ब्लास्ट करेंगे। तब तक ये तय नहीं हुआ था कि ब्लास्ट कहां किया जाना है?

भोपाल की मीटिंग में मालेगांव में ब्लास्ट करना तय हुआ

  • 11-12 अप्रैल: एक मीटिंग भोपाल में हुई, जिसमें आरोपियों ने मालेगांव में भीड़ भरे इलाके में बम ब्लास्ट कर मुस्लिमों के खिलाफ बदला लेने का षडयंत्र रचा। आरोपी साध्वी प्रज्ञा सिंह ने ब्लास्ट के लिए एक व्यक्ति उपलब्ध कराने की जिम्मेदारी ली।
  • 11 जून 2008: इंदौर स्थित सर्किट हाउस में एक मीटिंग हुई, जिसमें साध्वी प्रज्ञा सिंह ने रामचंद्र कलसांगरा और संदीप डांगे को सुधाकर द्विवेदी से मिलवाया। कहा- ये दोनों सपोर्ट करने के लिए तैयार हैं।
  • जुलाई 2008: एक और मीटिंग इंदौर में हुई, जिसमें साध्वी प्रज्ञा ने सुधाकर द्विवेदी को कर्नल पुरोहित से विस्फोटक रामजी कलसांगरा और संदीप डांगे को पुणे में उपलब्ध कराने के लिए कहा।
  • 3 अगस्त 2008: सीक्रेट मीटिंग महाकालेश्वर मंदिर उज्जैन की धर्मशाला में हुई, जिसमें कर्नल पुरोहित को रामजी कलसांगरा और संदीप डांगे के लिए आरडीएक्स खरीदने की जिम्मेदारी दी गई थी। आरोपी अजय राहिलकर भी इस मीटिंग में था।
रामचंद्र कलसांगरा (बायीं तरफ) और संदीप डांगे (दाहिने तरफ) का आज तक पता नहीं चला।

रामचंद्र कलसांगरा (बायीं तरफ) और संदीप डांगे (दाहिने तरफ) का आज तक पता नहीं चला।

ब्लास्ट के लिए ऐसे की फंड की व्यवस्था

  • आरोपी कर्नल पुरोहित ने 21 लाख रुपए का फंड भी संगठन के नाम पर कलेक्ट किया था। ये फंड आरोपी अजय राहिरकर को दिया जो अभिनव भारत ट्रस्ट का ट्रैजरर था।
  • जुलाई 2008 में 10 लाख रुपए आरोपी अजय ने ट्रस्ट के नाम पर लिए थे। इसमें से 5 लाख रुपए उसने 1 अगस्त 2008 को इंदौर में सुधाकर द्विवेदी को दिए थे।
  • वहीं 10 लाख रुपए कर्नल पुरोहित ने हैंडग्रेनेड खरीदने के लिए रखे थे।
  • जुलाई-अगस्त 2008 में आरोपी कर्नल पुरोहित ने ढाई लाख रुपए आरोपी अजय को नासिक में अपने लिए एक बिल्डर को बंगला खरीदने के लिए दिए थे।

आरडीएक्स पुरोहित ने खरीदा, चतुर्वेदी के घर बम बना

  • एटीएस के अनुसार, आरोपी प्रसाद पुरोहित ब्लास्ट में इस्तेमाल आरडीएक्स कश्मीर से लाया था और उसे अपने घर की अलमारी में रखा था।
  • एटीएस को देवलाली कैंप नासिक में आरोपी सुधाकर चतुर्वेदी के घर में आरडीएक्स के निशान मिले थे। एटीएस के मुताबिक बम को आरोपी सुधाकर चतुर्वेदी के घर में ही बनाया गया था।

एटीएस ने आरोपियों के घरों से हथियार बरामद किए

  • आरोपी अजय राहिरकर ​​ने आरोपी कर्नल प्रसाद पुरोहित के कहने पर हथियार खरीदने के लिए राकेश दवाड़े को 3 लाख 20 हजार रुपए दिए थे।
  • ब्लास्ट के बाद 2 नवंबर 2008 को आरोपी राकेश के पास से 4 इम्पोर्टेड हथियार और 196 जिंदा कारतूस जब्त हुए थे।
  • आरोपी जगदीश म्हात्रे के पास से भी 3 नवंबर 2008 को 2 इम्पोर्टेड हथियार और 15 जिंदा कारतूस जब्त हुए थे।
  • आरोपी कर्नल पुरोहित ने एक आर्म्स भोपाल में आलोक उर्फ जयदीप को सुधाकर द्विवेदी के कहने पर दिया था। बदले में 80 हजार रुपए कर्नल के खाते में जमा हुए थे।
  • आरोपी शिवनारायण कलसांगरा के पास से दो इलेक्ट्रिक टाइमर जब्त हुए थे। जो उसे उसके भाई रामचंद्र कलसांगरा ने दिए थे।
  • आरोपी सुधाकर द्विवेदी के जब्त लैपटॉप से ऑडियो-वीडियो मिले, जो फरीदाबाद, उज्जैन, भोपाल में आयोजित अलग-अलग मीटिंग के थे।
  • आरोपियों की मोबाइल डिटेल से भी पता चला कि सभी आरोपी एक दूसरे के संपर्क में थे।

2016 में एनआईए ने प्रज्ञा समेत 6 आरोपियों को क्लीनचिट दी पांच साल की जांच के बाद एनआईए ने 13 मई 2016 को फाइनल रिपोर्ट पेश की। इसमें 10 आरोपियों के खिलाफ आरोप तय किए, जबकि 6 आरोपियों को क्लीनचिट दी।

ATS और NIA की चार्जशीट में अंतर एटीएस: आरोपी रामचंद्र कलसांगरा के भाई शिवनारायण और दोस्त श्याम साहू को एटीएस ने गिरफ्तार किया था। शिवनारायण के इंदौर स्थित घर से एटीएस ने दो टाइमर जब्त होना बताया था। श्याम द्वारा रामचंद्र कलसांगरा को सिम उपलब्ध कराने की बात कही थी।

एनआईए की रिपोर्ट: दोनों आरोपी शिवनारायण और श्याम का केस में कोई इन्वॉल्वमेंट नहीं था।

एटीएस: आरोपी जगदीश म्हात्रे को मकोका सहित विभिन्न धाराओं में आरोपी बताया था। उसके पास से दो फायर आर्म्स और 15 जिंदा कारतूस मिले थे।

एनआईए की रिपोर्ट: म्हात्रे को लेकर आर्म्स एक्ट का आरोपी माना और कहा कि ब्लास्ट में उसकी कोई भागीदारी साबित नहीं हुई।

एटीएस: आरोपी पुरोहित जम्मू कश्मीर से आरडीएक्स लेकर आया था। पुरोहित ने पोस्टिंग के दौरान बरामद किए आरडीएक्स के कुछ हिस्से को अपने पास रख लिया था।

एनआईए की रिपोर्ट: सेना से पूछताछ के बाद पता चला कि पुरोहित के रहते हुए जब्त किए गए 70 किलो आरडीएक्स का पूरा हिसाब है।

गवाह बोले – एटीएस ने बंदूक की नोक पर जबरन बयान लिए केस के ट्रायल में 323 गवाहों के बयान दर्ज हुए, लेकिन केस के मुख्य गवाह अपने बयानों से पलट गए। अब तक सुनवाई के दौरान 34 गवाह पलट चुके हैं। एक गवाह जिसने कर्नल पुरोहित से मिलने की बात कही थी उसने बाद में कहा कि वह आरोपी लेफ्टिनेंट कर्नल प्रसाद पुरोहित को नहीं पहचानता। उसे याद नहीं कि पहले उसने जांच एजेंसियों के सामने क्या कहा था?

ये भी कहा कि उसे जान का खतरा था इसलिए दबाव में आकर उसने पहले कर्नल पुरोहित से मिलने की बात कबूली थी। बंदूक की नोक पर उसके बयान दर्ज करवाए गए थे। वहीं एक और गवाह जिसने एटीएस को दिए बयान में कहा था कि उसने केस के फरार आरोपियों (रामचंद्र कलसांगरा और संदीप डांगे) को कई मौके पर साध्वी प्रज्ञा ठाकुर से मिलते देखा था। वह भी अपने बयान से पलट गया।

बेटे को खोने वाली मां बोली – जान के बदले जान से मिलेगा इंसाफ इस ब्लास्ट में 6 लोगों की मौत हुई थी और 100 से ज्यादा लोग घायल हुए थे। जिन छह लोगों की मौत हुई उसमें 19 साल का सैयद अजहर निसार भी था। 29 सितंबर को वह मस्जिद में नमाज पढ़ने गया था। नमाज खत्म होने के बाद वह चाय पीने बाहर निकला और उसी बाइक से सटकर खड़ा हो गया, जिसमें ब्लास्ट हुआ था।

निसार की मां मेहजबी कहती है जिस दिन ब्लास्ट हुआ उस दिन सारे लोग मेरे घर की तरफ इशारा करते हुए जा रहे थे। मुझे कोई कुछ बता नहीं रहा था। मैं परेशान थी। सभी के बच्चे आ गए थे, लेकिन मेरा बेटा नहीं लौटा था। कुछ देर बाद उसके चाचा आए, उन्होंने कहा कि मेरा बेटा तो अल्लाह को प्यारा हो गया। ये सुनते ही मेरे पैरों तले जमीन खिसक गई थी।

दो दिन बाद जब बेटे की लाश घर लाए तभी उसे देखा था। उसके चेहरे पर छर्रे के निशान थे। पीठ का हिस्सा तो पूरी तरह से उड़ गया था। जिन लोगों ने हादसे के बाद बेटे को उठाया था, उन्होंने कहा सिर्फ गोश्त नजर आ रहा था। चेहरे के अलावा शरीर का कोई हिस्सा नहीं बचा था।

इनपुट क्रेडिट- विनोद यादव/शंकर वाघ, मुंबई/मालेगांव, दैनिक भास्कर



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आठवडाभरापासून तापमान 45 अंशांपर्यंत, अकोल्यात अचानक पावसाच्या हजेरीने दिलासा; चिमुकल्यांनी पावसात भिजत लुटला आनंद

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दुर्दैवी! पोलीस भरतीच्या सरावासाठी पहाटे उठला; अकोल्यात कुलरचा शॉक लागून तरूणाचा जागीच मृत्यू

दुर्दैवी! पोलीस भरतीच्या सरावासाठी पहाटे उठला; अकोल्यात कुलरचा शॉक लागून तरूणाचा जागीच मृत्यू


Akola News : अकोल्यात कूलरचा शॉक (Shock) लागून एका तरुणाचा जागीच मृत्यू झाल्याची दुर्दैवी घटना घडली आहे. अकोल्यातल्या कान्हेरी सरप येथे ही घटना घडली आहे. रोहित विठ्ठल बावस्कर असं मृत तरुणाचं नाव आहे. 18 वर्षांचा रोहित हा दररोज पोलीस भरतीसाठी सराव करायचा. अशातच रविवारी सकाळी चार वाजता नेहमीप्रमाणे पोलीस भरतीचा सराव करण्यासाठी झोपेतून उठलेल्या रोहितला पायात बूट घालत असताना कुलरचा जबर शॉक लागलाय. त्यात रोहितचा जागीच मृत्यू झाला. दरम्यान, मागील वर्षात कुलरचा शॉप लागून जवळपास 9 जणांना मृत्यू झाला होता. या वर्षात कुलरचा शॉक लागून मृत्यू झाल्याची ही पहिली घटना समोर आली. त्यामुळे नागरिकांनी कुलर वापरताना काळजी घेण्याचं आवाहन करण्यात येत आहे.

सासरच्यांना कंटाळून विवाहितेचा आत्महत्या; सात जणांविरुद्ध गुन्हा दाखल

सासरच्या लोकांच्या त्रासामुळे एका विवाहित तरुणीने विहिरीत उडी घेऊन आत्महत्या केली. याप्रकरणी मृत तरुणीच्या वडिलांनी केलेल्या तक्रारीवरून पोलिसांनी सासरच्या सात लोकांविरुद्ध गुन्हा दाखल केला हे घटना पुसद तालुक्याच्या शेगडी तांडा येथे घडली. सुषमा रामराव राठोड असे मृत महिलेचे नाव आहे. शेतात विहीर खोदायची आहे, त्यासाठी माहेरहून दोन लाख रुपये आणण्यासाठी सासरची मंडळी शारीरिक आणि मानसिक त्रास देत होते. अशी तक्रार मृत महिलीच्या वडिलांनी पोलिसात दिली। त्यावरून सासू सासरे यांचेसह या प्रकरनि सासरच्या सात जणांविरुद्ध गुन्हा दाखल करण्यात आला.

ढाब्यावर राडा; युवकवर चाकूने प्राणघातक हल्ला 

यवतमाळ शहरातपासून जवळ असलेल्या किन्ही येथील हिळवळ ढाब्यावर युवकावर चाकूने प्राणघातक हल्ला करण्यात आला. विजय राठोड असे जखमीचे नाव आहे. हा युवक कामानिमित्त गेला असता, ढाब्यावर असलेल्या एकाने त्याच्याशी वाद निर्माण करून चाकूने हल्ला केला. जखमी विजय राठोड याला उपचारासाठी शासकीय रुग्णालयात दाखल करण्यात आले. या घटनेची माहिती यवतमाळ ग्रामीण पोलिसांना देण्यात आली. ढाबा हा एका सेवानिवृत्त पोलीस अधिकाऱ्याचा असल्याने घटनास्थळी येण्यास टाळाटाळ करून गुन्हा दडपण्याचा प्रयत्न केला, असा नातेवाईकांचा आरोप आहे. हिळवळ ढाब्यावर अवैध दारू विक्री केली जाते. गुन्हेगारी प्रवृत्ती असलेले लोक ठिय्या मांडून राहतात. येथील प्रकार लोकांना माहिती पडू नये यासाठी सिसिटीव्ही कॅमेरे बंद करून ठेवल्याची आरोप जखमींच्या नातेवाईकांनी केला आहे.

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शिवसेना सांसद बोले- पहलगाम हमले पर ठाकरे को शर्म नहीं:  वे छुटि्टयां मना रहे थे; उद्धव गुट ने पूछा- पीएम पहलगाम क्यों नहीं गए

शिवसेना सांसद बोले- पहलगाम हमले पर ठाकरे को शर्म नहीं: वे छुटि्टयां मना रहे थे; उद्धव गुट ने पूछा- पीएम पहलगाम क्यों नहीं गए


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मुंबई2 घंटे पहले

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मिलिंद देवरा शिंदे गुटके राज्यसभा सांसद हैं।

शिवसेना सांसद मिलिंद देवरा ने रविवार को पहलगाम आतंकी हमले को लेकर ठाकरे परिवार पर निशाना साधा। देवरा ने उद्धव ठाकरे परिवार को लेकर कहा कि जब पहलगाम में आतंकवादी हमला हुआ, तब ठाकरे परिवार यूरोप में छुट्टियां मना रहा था।

उद्धव पर कटाक्ष करते हुए देवरा ने कहा कि ठाकरे भूमिपुत्र से भारत के पर्यटक बन गए हैं। उन्होंने महाराष्ट्र दिवस के अवसर पर मौजूद न होने के लिए ठाकरे परिवार की आलोचना भी की।

हालांकि देवरा के बयान पर जवाब देते हुए शिवसेना (यूबीटी) नेता विनायक राउत ने सवाल उठाया कि क्या प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आतंकी हमले के बाद पहलगाम गए।

देवरा ने ये बातें भी कहीं…

  • महाराष्ट्र को छुट्टी मनाने वाले अंशकालिक नेताओं की नहीं, बल्कि कर्तव्यनिष्ठ योद्धाओं की जरूरत है।
  • यह विलासिता की राजनीति है। शिंदे ने आगे बढ़कर नेतृत्व किया, पीड़ितों के साथ खड़े हुए और हमारे नायकों का सम्मान किया।

UBT नेता ने पीएम के पहलगाम न जाने पर उठाए सवाल

जवाबी हमला करते हुए शिवसेना (यूबीटी) नेता विनायक राउत ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हमले के बाद जम्मू-कश्मीर का दौरा नहीं किया। राउत ने कहा, “मेरा प्रधानमंत्री से सवाल है कि क्या वे जम्मू-कश्मीर गए और सुरक्षा स्थिति का जायजा लिया? प्रधानमंत्री ने उन परिवारों से मुलाकात क्यों नहीं की जिनके परिजन हमले में मारे गए? यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि प्रधानमंत्री के पास इसके लिए समय नहीं था।”

पहलगाम हमले को बीते 12 दिन

22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम के बायसरन मैदान में आतंकवादी हमला हुआ था, जहां आतंकवादियों ने पर्यटकों के एक समूह पर गोलीबारी की थी, जिसमें 25 भारतीय नागरिक और एक नेपाली नागरिक मारे गए थे। कई अन्य घायल हो गए थे। केंद्र सरकार ने वादा किया है कि हमले के लिए जिम्मेदार लोगों को दंडित किया जाएगा।

आतंकी हमले के पीड़ितों को 50 लाख रुपए सहायता

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस ने 29 अप्रैल को कैबिनेट बैठक की थी। इसमें पहलगाम आतंकवादी हमलों में जान गंवाने वाले महाराष्ट्र के लोगों के परिवारों के लिए 50 लाख रुपए की वित्तीय सहायता की घोषणा की गई। साथ ही कहा कि राज्य सरकार आतंकवादी हमले में मारे गए लोगों के परिवारों के बच्चों की शिक्षा और रोजगार पर ध्यान देगी।

पहलगाम आतंकी हमले में महाराष्ट्र के 6 मूल निवासी – संजय लेले, हेमंत जोशी, अतुल मोने (सभी डोंबिवली निवासी), दिलीप डिसले (पनवेल), कौस्तुभ गनबोटे और संतोष जगदाले (पुणे के निवासी) मारे गए। पीड़ितों में से एक संतोष जगदाले की बेटी असावरी जगदाले को सरकारी नौकरी दी जाएगी।

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