हाई बीपी के कारण किडनी और दिल से जुड़ी बीमारी का रहता है खतरा? जानें कारण और लक्षण


जब आपका दिल ब्लड पंप करता है तो रक्त वाहिकाओं की दीवारों पर रक्त के दबाव को रक्तचाप के रूप में जाना जाता है. शरीर से गुजरते समय रक्त द्वारा रक्त वाहिकाओं पर लगाए जाने वाले बल में वृद्धि को उच्च रक्तचाप या हाइपरटेंशन कहा जाता है. इसका निदान तब किया जाता है जब स्वास्थ्य सेवा कार्यालय में बार-बार जांच करने पर बीपी रीडिंग लगातार 130/80 से ऊपर होती है. सबसे ऊपर का मान सिस्टोलिक बीपी है जो हृदय के धड़कने और वाहिकाओं के माध्यम से रक्त को धकेलने के दौरान दबाव को दर्शाता है. सबसे नीचे का मान हृदय की धड़कनों के बीच रक्त वाहिकाओं के शिथिल होने के दौरान दबाव को दर्शाता है.

गुर्दे क्या हैं और वे क्या करते हैं?

जब हमने गोवा के मणिपाल अस्पताल में यूरोलॉजी के सलाहकार डॉ. माधव संजगिरी से बात की, तो उन्होंने बताया कि हमारे गुर्दे अंगों की एक जोड़ी हैं जो नियमित रूप से मूत्र का उत्पादन करके हमारे रक्त परिसंचरण से अपशिष्ट उत्पादों और अतिरिक्त पानी को निकालने का काम करते हैं.

दिल के फंक्शन में दिक्कत: उच्च रक्तचाप लगातार रक्तचाप के स्तर को बढ़ाता है, जिससे हृदय पर अधिक प्रतिरोध के माध्यम से रक्त पंप करने का दबाव पड़ता है. इस अतिरिक्त कार्यभार के कारण हृदय की मांसपेशियों में अतिवृद्धि होती है.विशेष रूप से हृदय के बाएं वेंट्रिकल में. यह हृदय की कार्यक्षमता को कम करता है और हृदय की विफलता में परिणत हो सकता है.

 रक्त वाहिकाओं को नुकसान: उच्च रक्तचाप धमनियों की एंडोथेलियल परत को प्रभावित करता है, जिससे वे कठोर हो जाती हैं, अपक्षयी परिवर्तन के लिए अतिसंवेदनशील हो जाती हैं, या एथेरोस्क्लेरोसिस विकसित हो जाता है. इससे रुकावटों की संभावना बढ़ जाती है जो बदले में दिल के दौरे और स्ट्रोक का कारण बनती है.

कोरोनरी धमनी रोग का जोखिम: उच्च रक्तचाप एथेरोस्क्लेरोसिस की प्रक्रिया को लम्बा खींचता है, जो मायोकार्डियम में रक्त की आपूर्ति में बाधा डालता है. इससे ऑक्सीजन की आपूर्ति कम हो जाती है और एनजाइना या मायोकार्डियल इंफार्क्शन – दिल का दौरा पड़ सकता है.

यह भी पढ़ें: सावधान ! बिल्लियां तेजी से फैला सकती हैं Bird Flu, रिसर्च में हैरान करने वाला खुलासा

हृदय की लय संबंधी समस्याएं: उच्च रक्तचाप हृदय की विद्युत प्रणाली के पुनर्निर्माण का कारण भी बन सकता है और इसलिए अतालता जैसे कि एट्रियल फ़िब्रिलेशन का परिणाम होता है. ये असामान्य हृदय गति रक्त के थक्के और स्ट्रोक की संभावना को बढ़ाती है.

यह भी पढ़ें : स्पेस में लगातार कम हो रहा है सुनीता विलियम्स का वजन, जानें अचानक वेट लॉस कितना खतरनाक

हृदय विफलता: यदि उपेक्षित छोड़ दिया जाए, तो उच्च रक्तचाप हृदय की मांसपेशियों को प्रभावित करता है। इससे हृदय विफलता हो सकती है, एक ऐसी स्थिति जिसमें हृदय शरीर में आवश्यक रूप से रक्त पंप नहीं कर पाता है. आहार, जांच और दवाओं के माध्यम से उच्च रक्तचाप नियंत्रण भविष्य में एक स्वस्थ हृदय प्रणाली को बनाए रखने के लिए महत्वपूर्ण है. प्रारंभिक अवस्था में उच्च रक्तचाप को रोकने से अधिक गंभीर हृदय संबंधी घटनाओं से बचने में मदद मिलती है.

Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.

ये भी पढ़ें: Microwave Oven Day 2024 : क्या वाकई माइक्रोवेव बना सकता है बीमार, जानें

Check out below Health Tools-
Calculate Your Body Mass Index ( BMI )

Calculate The Age Through Age Calculator



Source link

विटामिन डी की कमी से जूझ रही हैं सोहा अली खान, जानें इसके लक्षण और इलाज


गर्मियों की तुलना में सर्दियों में हमारी एनर्जी लेवल ज्यादा हाई रहती है. जबकि सर्दियों में ज्यादा सुस्त महसूस करते हैं. यह भी सच है कि नवंबर, दिसंबर और जनवरी के सर्दियों के महीनों के दौरान देश के कई हिस्सों में – खासकर उत्तर में – सूरज की रोशनी की कमी से मूड स्विंग और उसके बाद हार्मोनल समस्याएं हो सकती हैं. सोहा अली खान जो एक फिटनेस फ्रिक हैं. उन्होंने कहा कि एक वक्त था जब वह विटामिन डी की कमी से जूझ रही थी. ऐसे में वह रोजाना एक्सरसाइज या सुबह उठकर सूरज की रोशनी लेने का कोशिश करती हैं. साथ ही एक्ट्रेस यह भी बताती हैं कि अगर कोई उदास और डिप्रेशन जैसा महसूस कर रहा है तो उन्हें छत पर जाकर धूप जरूर लेना चाहिए. इससे एसएडी जैसी बीमारी होने का खतरा कम रहता है. 

विटामिन डी भारतीयों में कमी

नॉर्थ इंडिया में किए गए एक पूर्व अध्ययन में भी इसी तरह के परिणाम पाए गए थे, जहां 50 वर्ष से अधिक उम्र के स्वस्थ वयस्कों में विटामिन डी की कमी का महत्वपूर्ण स्तर (91.2 प्रतिशत) था. भारत में विटामिन डी पर कई समुदाय-आधारित अध्ययनों में पाया गया है कि विटामिन डी की कमी की घटना 50 से 94 प्रतिशत तक है.ऑनलाइन फ़ार्मेसी, टाटा 1mg लैब्स द्वारा किए गए 2023 के सर्वेक्षण में पाया गया कि तीन में से एक भारतीय, या लगभग 76 प्रतिशत आबादी, विटामिन डी की कमी से ग्रस्त है.

ये भी पढ़ें: सर्दियों में जरूर बनाएं ये नॉनवेज डिश, एक नहीं कई मिलेंगे फायदे

विटामिन डी की कमी की दर 84 प्रतिशत

25 साल से कम आयु के युवाओं में विटामिन डी की कमी की दर 84 प्रतिशत अधिक थी. 25-40 आयु वर्ग में यह दर 81 प्रतिशत से थोड़ी कम थी. बाहरी गतिविधियों का अभाव विटामिन डी की कमी के मुख्य कारणों में से एक है.अहमदाबाद के शाल्बी अस्पताल में आपातकालीन चिकित्सा और क्रिटिकल केयर के सलाहकार डॉ. मिनेश मेहता ने इंडिया टुडे को बताया, “शहरी क्षेत्रों में रहने वाले अधिकांश लोग अपना अधिकांश समय घर के अंदर. काम पर स्कूल में या यहां तक कि अवकाश गतिविधियों के दौरान बिताते हैं. धूप में त्वचा के संपर्क को कम करने के लिए सांस्कृतिक प्रथाएं जैसे कि शरीर के अधिकांश भाग को ढकने वाले कपड़े पहनना भी शामिल है.

यह भी पढ़ें: सावधान ! बिल्लियां तेजी से फैला सकती हैं Bird Flu, रिसर्च में हैरान करने वाला खुलासा

वायु प्रदूषण भी इसका एक बड़ा कारण है. धुआं, धुंध और धूल की उच्च सांद्रता सीधे सूर्य के संपर्क में आने से रोकती है और UVB किरणों को रोकती है. जो त्वचा के लिए विटामिन डी के उत्पादन के लिए आवश्यक हैं.

Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.

ये भी पढ़ें: Microwave Oven Day 2024 : क्या वाकई माइक्रोवेव बना सकता है बीमार, जानें

Check out below Health Tools-
Calculate Your Body Mass Index ( BMI )

Calculate The Age Through Age Calculator



Source link

अतुल सुभाष जैसा कदम नहीं पड़ेगा उठाना, इन तरीकों से गुलजार हो सकते हैं पार्टनर संग रिश्ते


छुट्टियों की प्रेम कहानियों और रोमांटिक कॉमेडीज़ के उलट जिसमें एक या दो लड़ाईयों के बाद सब कुछ हल हो जाता है. रिश्तों को बेहतर बनाए रखने के लिए बहुत मेहनत करनी पड़ती है. लेकिन यह मुश्किल नहीं है.

हर रोज़ की ज़िम्मेदारियों और घबराहट के साथ यह समझ में आता है कि साथी से जुड़ी समस्याओं से निपटना आपकी सूची में सबसे नीचे क्यों आता है.जीवन की सभी ज़िम्मेदारियों- काम, बच्चे, परिवार, दोस्त, पड़ोसी, आपका घर- को निभाना ही थका देने वाला है, और हममें से कई लोग थक चुके हैं. ख़ास तौर पर मुश्किल समय के दौरान, अपने रुके हुए रिश्ते या कम होते अंतरंगता के मुद्दों का सामना करने से बचना आसान होता है.

हर रोज़ की ज़िम्मेदारियों और घबराहट के साथ यह समझ में आता है कि साथी से जुड़ी समस्याओं से निपटना आपकी सूची में सबसे नीचे क्यों आता है.जीवन की सभी ज़िम्मेदारियों- काम, बच्चे, परिवार, दोस्त, पड़ोसी, आपका घर- को निभाना ही थका देने वाला है, और हममें से कई लोग थक चुके हैं. ख़ास तौर पर मुश्किल समय के दौरान, अपने रुके हुए रिश्ते या कम होते अंतरंगता के मुद्दों का सामना करने से बचना आसान होता है.

वक्त बिताएं: यह आपके रिश्ते को बेहतर बनाने का एक तरीका है. लेकिन अपने साथी से कुछ समय के लिए ब्रेक लें. हर किसी को रिश्ते से बाहर अपनी जगह और क्वालिटी टाइम की ज़रूरत होती है. डेटिंग और विवाह सलाहकार हमें याद दिलाते हैं कि आपको सांस लेने के लिए जगह मिलनी चाहिए.

वक्त बिताएं: यह आपके रिश्ते को बेहतर बनाने का एक तरीका है. लेकिन अपने साथी से कुछ समय के लिए ब्रेक लें. हर किसी को रिश्ते से बाहर अपनी जगह और क्वालिटी टाइम की ज़रूरत होती है. डेटिंग और विवाह सलाहकार हमें याद दिलाते हैं कि आपको सांस लेने के लिए जगह मिलनी चाहिए.

दोनों एक ही समय पर सोने जाएं:शायद आपने पहले ही पढ़ा होगा कि ज़्यादातर अमेरिकी नौजवानों को रात में सात से आठ घंटे की नींद नहीं मिल पाती है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि अलग-अलग समय पर बिस्तर पर जाने से आप और आपके साथी पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है.

दोनों एक ही समय पर सोने जाएं:शायद आपने पहले ही पढ़ा होगा कि ज़्यादातर अमेरिकी नौजवानों को रात में सात से आठ घंटे की नींद नहीं मिल पाती है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि अलग-अलग समय पर बिस्तर पर जाने से आप और आपके साथी पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है.

एक अच्छे रिश्ते के लिए, एक ही समय पर बिस्तर पर जाएं. रात में जागने वाले और सुबह जल्दी उठने वाले लोग अलग-अलग समय पर सोते हैं. और फिर ऐसे लोग भी होते हैं जो बिस्तर पर काम करते हैं जबकि दूसरा दूसरे कमरे में नेटफ्लिक्स देख रहा होता है. परिस्थिति चाहे जो भी हो, अपने सोने के समय को एक जैसा रखें

एक अच्छे रिश्ते के लिए, एक ही समय पर बिस्तर पर जाएं. रात में जागने वाले और सुबह जल्दी उठने वाले लोग अलग-अलग समय पर सोते हैं. और फिर ऐसे लोग भी होते हैं जो बिस्तर पर काम करते हैं जबकि दूसरा दूसरे कमरे में नेटफ्लिक्स देख रहा होता है. परिस्थिति चाहे जो भी हो, अपने सोने के समय को एक जैसा रखें

एक दूसरे पर विश्वास के साथ उनके होने के एहसास को फिल करें. अपना प्यार दिखाएं. ताकि उन्हें भी फिल हो कि आप उनके लिए स्पेशल बने हैं.

एक दूसरे पर विश्वास के साथ उनके होने के एहसास को फिल करें. अपना प्यार दिखाएं. ताकि उन्हें भी फिल हो कि आप उनके लिए स्पेशल बने हैं.

Published at : 21 Dec 2024 04:17 PM (IST)

हेल्थ फोटो गैलरी

हेल्थ वेब स्टोरीज



Source link

प्रोटीन पाउडर से बनी बॉडी क्या वाकई होती है खोखली? जान लीजिए इसका सच


एक गिलास दूध या स्मूदी में प्रोटीन पाउडर मिलाना आपको हेल्दी तरीका लग सकता है. प्रोटीन मांसपेशियों, हड्डियों की मजबूती और शरीर के कई कार्यों के निर्माण और रखरखाव के लिए जरूरी बताया जाता है. हमें ऐसा इसलिए भी लगता है क्योंकि प्रोटीन पाउडर की ब्रैंडिंग हही वैसे की जा रही है. आजकल प्रोटीन पाउडर सिर्फ नौजवान ही नहीं बल्कि बूढ़े लोग भी पीते हैं. क्योंकि इसे ऐसी ही दुनिया के सामने प्रेजेंट किया जा रहा है कि इसे पीने से आपका शरीर अंदर से मदबूत होगा. चॉकलेट या वेनिला प्रोटीन पाउडर का एक स्कूप स्वास्थ्य जोखिम पैदा कर सकता है .

हमने इस सिलसिले में काफी कुछ रिसर्च करने की कोशिश की. ऐसे में हमें ऑक्सफॉर्ड के इंग्लिश पॉर्टल में छपी आर्टिकल ने हमारा ध्यान खींचा.  ब्रिघम और महिला हॉस्पिटल में पोषण डिपार्टमेंट की निदेशक पंजीकृत आहार विशेषज्ञ कैथी मैकमैनस कहती हैं. मैं कुछ मामलों को छोड़कर और केवल पर्यवेक्षण के साथ प्रोटीन पाउडर का उपयोग करने की सलाह नहीं देती हूं. क्योंकि हद से ज्यादा प्रोटीन आपकी शरीर को अंदर से खोखला कर सकता है. देश में नकली बॉडी-बिल्डिंग सप्लीमेंट्स पहले से कहीं ज़्यादा बढ़ रहे हैं, जिसका श्रेय इंडिया के ग्रे मार्केट को जाता है.

इसका मतलब सिर्फ़ यह नहीं है कि बॉडी-बिल्डिंग के शौकीन लोग प्रोटीन पाउडर पर जो हज़ारों रुपये खर्च कर रहे हैं. वे बेकार जा रहे हैं, बल्कि इससे स्वास्थ्य को भी नुकसान हो सकता है. नकली प्रोटीन पाउडर में हानिकारक तत्व और संदूषक हो सकते हैं जो आपके स्वास्थ्य पर बुरा असर डालता है.

चीनी और कैलोरी

कुछ प्रोटीन पाउडर में बहुत अधिक मात्रा में अतिरिक्त चीनी होती है, जिससे वजन बढ़ सकता है और रक्त शर्करा में अस्वस्थ वृद्धि हो सकती है.

पाउडर में जहरीली चीजें

प्रोटीन पाउडर में भारी धातुएं, बिस्फेनॉल-ए, कीटनाशक और अन्य संदूषक हो सकते हैं.

काफी ज्यादा प्रोटीन

प्रोटीन की अनुशंसित मात्रा से बहुत अधिक सेवन करने से आपकी हड्डियों, गुर्दे और यकृत पर हानिकारक प्रभाव पड़ सकता है.

दिल का दौरा और स्ट्रोक का जोखिम बढ़ जाता है

प्रोटीन से भरपूर आहार दिल का दौरा और स्ट्रोक का जोखिम बढ़ा सकता है.आप प्रोटीन सप्लीमेंट के बिना भी फलियां, नट्स और सोया उत्पादों जैसे संपूर्ण खाद्य पदार्थों से भरपूर संतुलित, पौष्टिक आहार खाकर मांसपेशियों का निर्माण कर सकते हैं.

किडनी की बीमारी का खतरा

किडनी को नुकसान करें यदि कोई व्यक्ति अधिक मात्रा में प्रोटीन लेता है तो वह बड़ी मात्रा में यूरिया का उत्पादन करता हैं. यह गुर्दे पर उच्च दबाव डालता है क्योंकि ये रक्त से यूरिया और कैल्शियम की प्रचुर मात्रा को छान लेता हैं. जब लम्बे समय तक बड़ी मात्रा में प्रोटीन पाउडर का सेवन किया जाता है तो किडनी विकारों की समस्या का खतरा बढ़ जाता है. गुर्दे की पथरी और गुर्दे की विफलता की क्षति अधिक मात्रा में प्रोटीन की खुराक लेने के कारण होता है.

ये भी पढ़ें: सर्दियों में जरूर बनाएं ये नॉनवेज डिश, एक नहीं कई मिलेंगे फायदे

कैंसर की बीमारी

कैंसर जोखिम कुछ प्रोटीन पाउडर की ब्रांडों में भारी मात्रा में धातुएं होती हैं जो कैंसर के खतरे को बढ़ा सकती हैं. इसलिए इसके अधिक सेवन से बचना चाहिए.

यह भी पढ़ें : स्पेस में लगातार कम हो रहा है सुनीता विलियम्स का वजन, जानें अचानक वेट लॉस कितना खतरनाक

बजन बढ़ने के कारण

वजन बढ़ाये अगर प्रोटीन पाउडर अधिक मात्रा में लिया जाता है तो यह आपके वजन बढ़ने का कारण बन सकता है. इससे आपके शरीर में फैट की मात्रा बढ़ जाती हैं. यह वसा दिन-प्रतिदिन एकत्र होता जाता है, जिससे तेजी से आपका वजन बढ़ने लगता हैं. और यह निश्चित रूप से एक अच्छा संकेत नहीं है.

Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें. 

ये भी पढ़ें: Microwave Oven Day 2024 : क्या वाकई माइक्रोवेव बना सकता है बीमार, जानें

Check out below Health Tools-
Calculate Your Body Mass Index ( BMI )

Calculate The Age Through Age Calculator



Source link

लौंग समेत किचन में रखे इन पांच मसालों में छिपा है सेहत का राज, जान लीजिए नाम


लौंग कई गुणों से भरपूर मसाला है जो स्वाद बढ़ाने के साथ-साथ स्वास्थ्य संबंधी फायदे भी मिलते है. इनमें एंटीऑक्सीडेंट की मात्रा अधिक होती है. ये ब्लड में शुगर लेवल को कंट्रोल में रहता है. साथ ही साथ यह शरीर में बैक्टीरिया को मारने में भी काफी ज्यादा फायदेमंद है. लौंग के पेड़ की फूल की कलियां हैं, जो एक सदाबहार पौधा है जिसे सिज़ीगियम एरोमैटिकम के नाम से भी जाना जाता है.पूरे और पिसे हुए दोनों रूपों में पाया जाने वाला यह बहुमुखी मसाला पॉट रोस्ट को स्वादिष्ट बनाने में भी इस्तेमाल किया जाता है. गर्म पेय पदार्थों में स्वाद जोड़ने और कुकीज़ और केक में मसालेदार गर्माहट लाने के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है. लौंग में फाइबर, विटामिन और आयरन होते हैं, इसलिए अपने खाने में जोड़ने के लिए साबुत या पिसी हुई लौंग का उपयोग करने से कुछ महत्वपूर्ण पोषक तत्व मिल सकते हैं.

पहले लौंग के फायदे जानिए

पाचन तंत्र सुधारे

गर्मी अधिक होने पर सबसे पहले पाचन तंत्र ही गड़बड़ा जाता है. लौंग का पानी पाचन तंत्र में ही सुधार करता है. हर दिन खाली पेट इसका सेवन बहुत अधिक लाभकारी हो सकता है. खाली पेट लौंग खाने से भी एसिडिटी में खासी राहत मिलती है.

स्किन के लिए फायदेमंद

गर्मी के मौसम में ये स्किन के लिए भी बेहद लाभकारी है. गर्मियों में ​अक्सर सनबर्न जैसी परेशानी हो सकती है. जो लोग लौंग के पानी का प्रयोग करते हैं. उन्हें स्किन संबंधी समस्या कम देखने को मिलती है. इसके पीछे वजह लौंग में एंटी एजिंग, एंटी ऑक्सीडेंट, एंटी फंगस गुणों से भरपूर होना है. 

मुंह के छालों में फायदेमंद
आमतौर पर मुंह में छालों की समस्या सभी ने देखी होगी. इस रोग में लौंग बेहद लाभदायक है. लौंग का तेल लगाने या मालिश करने से काफी आराम मिल सकता है. लौंग चबाकर खाने से भी राहत मिलती है.

दालचीनी के फायदे

डायबिटीज दालचीनी कितना है फायदेमंद

दालचीनी के पेड़ की छाल से प्राप्त एक मसाला है. जिसे सदियों से इसके औषधीय गुणों के लिए जाना जाता है. यह न केवल सिर्फ खाने में इस्तेमाल किया जाता है बल्कि यह ब्लड शुगर को भी कंट्रोल करने का काम करता है.  

यह भी पढ़ें: सावधान ! बिल्लियां तेजी से फैला सकती हैं Bird Flu, रिसर्च में हैरान करने वाला खुलासा

दालचीनी कैसे मदद करती है

दालचीनी में ऐसे यौगिक होते हैं जो इंसुलिन संवेदनशीलता में सुधार करते हैं. जिससे आपके शरीर को इंसुलिन का अधिक प्रभावी ढंग से उपयोग करने में मदद मिलती है. इससे रक्त शर्करा का स्तर कम हो सकता है. दालचीनी उपवास रक्त शर्करा के स्तर को कम करने और HbA1c को कम करने के लिए दिखाया गया है. 

यह भी पढ़ें : स्पेस में लगातार कम हो रहा है सुनीता विलियम्स का वजन, जानें अचानक वेट लॉस कितना खतरनाक

इलायची के फायदे

इलायची में प्राकृतिक एंटीऑक्सीडेंट और एंटी-इंफ़्लेमेटरी गुण होते हैं. ये गुण इम्यून सिस्टम को मज़बूत बनाते हैं. इसे खाने से आपको हार्ट से जुड़ी बीमारी और बीपी को भी कंट्रोल में रखता है. 

Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.

ये भी पढ़ें: Microwave Oven Day 2024 : क्या वाकई माइक्रोवेव बना सकता है बीमार, जानें

Check out below Health Tools-
Calculate Your Body Mass Index ( BMI )

Calculate The Age Through Age Calculator



Source link

सर्दी में आपके पैर भी रहते हैं बर्फ की तरह ठंडे? जान लीजिए किस चीज की है कमी


जब हम ठंडी हवाओं के संपर्क में आते हैं तो हमारे हाथ-पैर में ब्लड सर्कुलेशन सिकुड़ने लगते हैं. ठंड के मौसम में हमारे शरीर के ऑर्गन गर्म हो रहे हैं इसका मतलब है हमारा स्वास्थ्य ठीक है. इसका साफ अर्थ है कि हमारे शरीर में ब्लड सर्कुलेशन एकदम ठीक चल रहा है. लेकिन हद से ज्यादा हाथ-पैर ठंडा रहता है यानी बर्फ की तरह ठंडा रहता है तो फिर शरीर में किसी खास तरह की कमी का संकेत हो सकता है. इस पर विस्तार से बात करें कि आखिर क्यों कुछ लोगों का पैर काफी ज्यादा ठंडा रहता है.

क्या इस सर्दी के मौसम में आपके पैर और हाथ हमेशा ठंडे रहते हैं? तो आप बिल्कुल टेंशन मत लीजिए क्योंकि आप अकेले नहीं हैं. सर्दियों के महीनों में ज़्यादातर लोगों के हाथ और पैर ठंडे हो जाते हैं. जिससे उन्हें बहुत बीमार महसूस होता है. अगस्त के आखिर से सितंबर की शुरुआत तक के सर्दियों के महीनों में कई तरह के मौसमी बदलाव आते हैं. जिससे दिल की धड़कन के स्तर में वृद्धि होती है. यह कुछ हफ़्तों तक धीमी गति से होता है और सर्दियों के महीने के खत्म होने तक यह उच्च बना रहता है.सर्दियों के मौसम में हाथ और पैर ठंडे रहते हैं, जो उन्हें गर्म रखने के लगातार प्रयासों के बाद भी बने रहते हैं. अगर ध्यान न दिया जाए तो यह एक खतरनाक समस्या बन सकती है.

सर्दियों में हाथ-पैर का ठंडा रहना बेहद नॉर्मल बात है. इसके लिए आप मोटे-मोटे मोजे पहनते हैं. पैरों को सेंकते हैं. लेकिन कुछ लोगों को यह परेशानी ज्यादा बढ़ जाती है क्योंकि मौसम चाहे जो भी हो अगर ज्यादा पैर ठंडे रहते हैं. तो यह एक गंभीर समस्या का रूप ले सकती है. कितना भी उपाय करने के बाद आपके पैर ठंडे ही रहते हैं तो आपको इसका तुरंत हल निकालना चाहिए. दरअसल, जिन लोगों के साथ ऐसी दिक्कत हो रही है वह डायबिटीज या एनीमिया से पीड़ित हैं. ऐसे लोगों के हाथ-पैर के नस सिकुड़ने लगते हैं. जिसके कारण ब्लड का फ्लो कम हो जाता है. ऐसे में कोल्ड फीट की समस्या शुरू होती है. 

सर्दियों में पैर क्‍यों हो जाते हैं ज्यादा ठंडे?

जिन लोगों के हाथ-पैर हमेशा ठंड रहते हैं उसके पीछे सबसे बड़ा कारण है उनके ब्लड सर्कुलेशन का सिकुड़ना. जिसके कारण ब्लड का फ्लो कम हो जाता है. जिसके कारण शरीर का टेंपरेचर कम होने लगता है. इसके अलावा कुछ ऐसी बीमारियां है जिसके कारण भी पैर-हाथ हमेशा ठंड रहता है. 

पैर ठंडे होने के क्या हैं कारण

ब्लड सर्कुलेशन की दिक्कत

पैर ठंडा होने के पीछे का सबसे बड़ा कारण है खराब ब्लड सर्कुलेशन. अगर आप लंबे वक्त तक एक जगह पर बैठे रहते हैं तो ब्लड सर्कुलेशन खराब होने लगता है और पैर ठंडे पड़ने लगते हैं. 

एनीमिया

शरीर में रेड ब्लड सेल्स जब कम होने लगते हैं तो पैर ठंडा होने लगता है. एनीमिया के मरीज को शरीर में खून की कमी होने लगती है. जिसके कारण पैर ठंडा होने लगता है. वहीं इसमें बी12, फॉलेट और आयरन की कमी से भी पैर ठंडा रहता है.  क्रोनिक किडनी की बीमारी के कारण भी पैर ठंडा रहता है. 

ये भी पढ़ें: सर्दियों में जरूर बनाएं ये नॉनवेज डिश, एक नहीं कई मिलेंगे फायदे

डायबिटीज

अगर आपके पैर ठंडे रहते हैं तो एक बार ब्लड में शुगर लेवल को जरूर चेक करवा लीजिए. डायबिटीज के मरीज का शुगर लेवल ऊपर नीचे होते है जिसके कारण कोल्ड फीट की दिकक्त होती है. 

यह भी पढ़ें: सावधान ! बिल्लियां तेजी से फैला सकती हैं Bird Flu, रिसर्च में हैरान करने वाला खुलासा

नस की समस्‍या

जिन लोगों को कोल्ड फीट की दिक्कत होती है. उन्हें नस संबंधी दिक्कत हो सकती है. नर्व्स संबंधी परेशानी किसी तनाव, हादसा, दुर्घटना की वजह से हो सकती है. 

Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.

ये भी पढ़ें: Microwave Oven Day 2024 : क्या वाकई माइक्रोवेव बना सकता है बीमार, जानें

Check out below Health Tools-
Calculate Your Body Mass Index ( BMI )

Calculate The Age Through Age Calculator



Source link