PA Licence and PPI Licence: ऑनलाइन फूड डिलीवरी सेक्टर की दिग्गज कंपनी कई सालों में पेमेंट सेक्टर में घुसने की कोशिश कर रही थी. उसे इसी साल रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) से ऑनलाइन पेमेंट एग्रीगेटर लाइसेंस (PA Licence) और प्रीपेड पेमेंट इंस्ट्रूमेंट लाइसेंस (PPI Licence) भी मिल गया था. मगर, अब कंपनी ने इस सेक्टर में और हाथ-पांव मारने से तौबा कर ली है. साथ ही जोमाटो को मिल चुके यह लाइसेंस आरबीआई को वापस कर दिए हैं. इसके साथ ही जोमाटो पेमेंट (Zomato Payment) पर ताला लग गया है.

पीए लाइसेंस और पीपीआई लाइसेंस कर दिए वापस

जोमाटो की रेगुलेटरी फाइलिंग से मिली जानकारी के अनुसार, कंपनी को अपनी फिनटेक सब्सिडियरी जोमाटो पेमेंट प्राइवेट लिमिटेड (ZPPL) में लगभग 39 करोड़ रुपये का निवेश मिल चुका था. कंपनी ने इसे भी मार्च तिमाही के दौरान वापस कर दिया है. इसके साथ ही पीए लाइसेंस और पीपीआई लाइसेंस भी वापस कर दिए हैं. कंपनी ने कहा है कि उन्हें पेमेंट सेक्टर में कारोबार बढ़ाने की ज्यादा संभावनाएं नजर नहीं आ रही हैं. 

कंपनी को अब इस सेक्टर में नहीं दिख रहीं संभावनाएं

जोमाटो को अनुसार, पिछले कुछ सालों में पेमेंट सेक्टर में बड़े बदलाव आ चुके हैं. उन्होंने जब लाइसेंस के लिए अप्लाई किया था तब से लेकर अब तक काफी कुछ बदल चुका है. कंपनी को अब इस सेक्टर में ज्यादा संभावनाएं नजर नहीं आ रहीं. समय गुजरने के साथ अब हमारे पास इस सेक्टर में प्रतिस्पर्धा करने के लायक क्षमताएं नहीं दिखाई दे रहीं. इसलिए पेमेंट सेक्टर में काम शुरू करने से बेहतर है कि इसे बंद कर दिया जाए.

ऑनलाइन पेमेंट प्रोसेस करने की जोमाटो को मिल जाती मंजूरी

इन लाइसेंस की मदद से जोमाटो को ऑनलाइन पेमेंट प्रोसेस करने की अनुमति मिल जाती. इसके अलावा वह वॉलेट और कैश कार्ड जैसी सेवाएं भी चालू कर सकती थी. कंपनी की कोशिश थी कि थर्ड पार्टी पेमेंट सर्विसेज को जाने वाला पैसा बचाकर अपनी कॉस्ट घटाई जाए. पिछले साल कंपनी ने आईसीआईसीआई बैंक के सहयोग से जोमाटो यूपीआई सर्विस भी शुरू की थी.

ये भी पढ़ें 

एयरलाइन को हुआ तगड़ा मुनाफा, कर्मचारियों को बोनस के तौर पर मिलेगी 5 महीने की सैलरी 



Source link