डिजिटल डेस्क, कानपुर। उन्नाव के दानीगढ़ी गांव में महज तीन सप्ताह के भीतर खसरे से एक परिवार बिना टीकाकरण वाले तीन बच्चों की मौत हो गई। उसी गांव में पैंतीस और बच्चों को चकत्ते हो गए हैं और वे बुखार से पीड़ित हैं। इनमें से तीन की हालत गंभीर होने पर अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
प्रकोप को देखते हुए जिला स्वास्थ्य विभाग ने स्थानीय लोगों के प्रतिरोध के बावजूद बच्चों को खसरे से बचाने के लिए टीकाकरण अभियान शुरू किया है।मामलों को देखने और बीमारी के प्रसार की जांच के लिए गांव में डॉक्टरों की एक टीम तैनात की गई है।
उन्नाव के मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) सत्य प्रकाश ने खसरा से तीन लोगों की मौत की पुष्टि की है। उन्होंने कहा, सभी नाबालिग पीड़ितों को टीका नहीं लगाया गया था। हम स्थिति पर बारीकी से नजर रख रहे हैं। हमारी टीमों ने गांव के 60 प्रतिशत बच्चों का टीकाकरण किया है और खसरे से पीड़ित बच्चों का इलाज कर रहे हैं।यह पता चला है कि टीकाकरण अभियान के दौरान डॉक्टरों को ग्रामीणों के कड़े विरोध का सामना करना पड़ा था। डॉक्टरों को हस्तक्षेप के लिए मौलवियों को बुलाना पड़ा और बाद में पूजा स्थलों से आवश्यक घोषणाएं की गईं।
स्वास्थ्य विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि जिला मजिस्ट्रेट अपूर्व दुबे भी गांव गए और ग्रामीणों के साथ लंबी बातचीत की और उनके मिथकों को दूर करने में मदद की।सीएमओ ने कहा, मौलवियों और अधिकारियों के हस्तक्षेप के बाद गांव में टीकाकरण अभियान शुरू हुआ। हालांकि कुछ लोग अभी भी बच्चों का टीकाकरण कराने से परहेज कर रहे हैं।
आईएएनएस
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