बरसात में शाम होते ही घर में आने लगे हैं कीट-पतंगे, ऐसे पा सकते हैं समस्या से निजात

बरसात में शाम होते ही घर में आने लगे हैं कीट-पतंगे, ऐसे पा सकते हैं समस्या से निजात


Insects in Rainy Season: बरसात की रिमझिम फुहारें जहां मौसम को खुशनुमा बना देती हैं, वहीं यह मौसम कुछ मेहमानों को भी साथ ले आता है,  जैसे मच्छर, छिपकलियां, तिलचट्टे और उड़ने वाले कीट-पतंगे.जैसे ही शाम ढलती है और घरों की लाइटें जलती हैं, वैसे ही कीट-पतंगों का एक झुंड घर की ओर आकर्षित होने लगता है. 

खिड़कियों, दरवाज़ों और यहां तक कि बाथरूम की जाली से भी यह अनचाहे मेहमान आपके घर में घुस जाते हैं. ये सिर्फ असहजता ही नहीं, कई बार यह कीट बीमारियों का कारण भी बन सकते हैं.  जैसे डेंगू, मलेरिया, स्किन इंफेक्शन या एलर्जी. 

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बारिश में कीट-पतंगों के घर में आने के मुख्य कारण

  • नमी और गीले कोनों की मौजूदगी
  • घर के आसपास पानी का जमा होना
  • खुली खिड़कियां और बिना जाली वाले दरवाजे
  • घर में रखी खराब हो रही सब्ज़ियां या गंदा कचरा
  • इन उपायों से पाएं कीट-पतंगों से निजात
  • खिड़की और दरवाजों पर मच्छरदानी या नेट लगाएं
  • शाम होते ही खिड़कियां बंद करें या नेट का इस्तेमाल करें, ताकि उड़ने वाले कीट अंदर न आ सकें

नीम और कपूर का धुआं करें

नीम की पत्तियों या कपूर को जलाकर उसका धुआं फैलाएं। इसका तेज़ गंध कीटों को दूर रखता है

नमी वाली जगहों को रखें सूखा

बाथरूम, किचन और सिंक के पास पानी जमा न होने दें। नम स्थानों को रोज़ाना सुखाएं

एसेंशियल ऑयल का प्रयोग करें

लेमनग्रास, सिट्रॉनेला और यूकेलिप्टस ऑयल को पानी में मिलाकर स्प्रे करने से कीट दूर रहते हैं

खिड़की के पास पीले रंग की बल्ब लगाएं

सामान्य सफेद या नीली लाइट की जगह पीले बल्ब का प्रयोग करें, जिससे कीट आकर्षित नहीं होते

घर के आसपास सफाई बनाए रखें

गमलों में पानी जमा न होने दें, कूड़ेदान समय से साफ करें और बाथरूम की सफाई नियमित करें

बरसात का मौसम जितना खूबसूरत होता है, उतनी ही चुनौतियां भी लाता है. कीट-पतंगों का घर में प्रवेश न केवल परेशान करता है, बल्कि सेहत के लिए भी खतरा बन सकता है. ऐसे में जरूरी है कि हम समय रहते सतर्क हो जाएं और कुछ आसान घरेलू उपायों को अपनाकर अपने घर को इन अनचाहे मेहमानों से बचाएं.

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Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.

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गलत ब्लड ग्रुप का खून चढ़ाने से क्या इंसान की तुरंत हो जाती है मौत, जानें शरीर पर क्या होता है

गलत ब्लड ग्रुप का खून चढ़ाने से क्या इंसान की तुरंत हो जाती है मौत, जानें शरीर पर क्या होता है


Wrong Blood Group Side Effect: इंसान का खून उसकी जिंदगी की सबसे अहम धड़कन है. लेकिन अगर वही खून किसी और का हो और वह आपके शरीर से मेल न खाए, तो क्या हो सकता है. अस्पताल में जब किसी मरीज को खून की जरूरत पड़ती है, तो डॉक्टर उसकी हालत को स्थिर रखने के लिए ट्रांसफ्यूजन यानी खून चढ़ाने की प्रक्रिया अपनाते हैं. यह प्रक्रिया सुनने में भले ही सामान्य लगे, लेकिन यह उतनी ही संवेदनशील होती है. खासकर तब, जब मरीज को उसका मेल न खाने वाल ब्लड ग्रुप चढ़ा दिया जाए.

डॉ. मोहित चौधरी बताते हैं कि,जब किसी व्यक्ति को ऐसा खून चढ़ा दिया जाता है जो उसके ब्लड ग्रुप से मेल नहीं खाता, तो शरीर की इम्यून सिस्टम इसे बाहरी हमला समझती है. इस स्थिति को मेडिकल भाषा में Acute Hemolytic Transfusion Reaction (AHTR) कहा जाता है. इसमें शरीर उस नए खून को नष्ट करने के लिए एंटीबॉडीज बनाता है, जिससे खून की कोशिकाएं फटने लगती हैं और शरीर के अंगों पर गहरा असर पड़ता है.

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कौन-कौन से लक्षण जल्दी दिखते हैं?

  • तेज बुखार और कंपकंपी
  • सीने या कमर में अचानक दर्द
  • सांस लेने में परेशानी
  • पेशाब का रंग लाल या गहरा होना
  • रक्तचाप का गिरना
  • शरीर में सूजन या एलर्जी जैसे लक्षण
  • यदि इन लक्षणों को समय रहते नहीं पहचाना गया, तो यह स्थिति किडनी फेलियर, शॉक, यहां तक कि मौत का कारण भी बन सकती है

क्यों होती है ऐसी गलती?

आमतौर पर अस्पतालों और ब्लड बैंकों में खून चढ़ाने से पहले ब्लड टाइपिंग जैसी प्रक्रियाएं की जाती हैं. लेकिन यदि किसी से लापरवाही हो जाए, लेबलिंग में गलती हो या इमरजेंसी में बिना जांच के खून चढ़ा दिया जाए, तो यह जानलेवा साबित हो सकता है. 

कैसे बचे इस खतरे से?

  • ब्लड टेस्ट की सही रिपोर्टिंग: हमेशा खून चढ़ाने से पहले मरीज के ब्लड ग्रुप की जांच कराएं।
  • क्रॉस-मैचिंग जरूरी है: डोनर और मरीज के खून को आपस में मिलाकर जांच करना अनिवार्य है
  • सतर्क रहें: मरीज के परिजनों को भी जानकारी होनी चाहिए कि कौन सा ब्लड चढ़ाया जा रहा है

गलत ब्लड ग्रुप का खून चढ़ना किसी छोटी लापरवाही का बहुत बड़ा परिणाम हो सकता है. यह स्थिति कुछ ही मिनटों में शरीर के अंदर अराजकता पैदा कर सकती है और समय रहते इलाज न मिलने पर जान भी जा सकती है.  ऐसे में जरूरी है कि खून चढ़ाने की प्रक्रिया को कभी हल्के में न लें.

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सही खाना और गलत तरीका, ये फूड कॉम्बिनेशन कर सकते हैं आपको बीमार

सही खाना और गलत तरीका, ये फूड कॉम्बिनेशन कर सकते हैं आपको बीमार


ज्यादातर लोग सोचते हैं कि अगर हम हेल्दी खाना खा रहे हैं तो हमारी सेहत भी अच्छी रहेगी, लेकिन कई बार आपका खाना हेल्दी होते हुए भी आपकी सेहत खराब कर सकता है, जिसका कारण गलत फूड कॉम्बिनेशन होता है. आजकल सोशल मीडिया, यूट्यूब और रील्स पर नए-नए खाने के कॉम्बिनेशन ट्रेंड में हैं. लोग इन्हें देखकर एक्साइटेड हो जाते हैं और तुरंत ट्राय कर लेते हैं पर कुछ चीजें साथ में खाने से शरीर को फायदा नहीं, बल्कि नुकसान होता है. इससे न सिर्फ गैस, एसिडिटी, अपच जैसी पेट की दिक्कतें होती हैं बल्कि लंबे समय तक ऐसा करने से मोटापा, एनीमिया, और डायबिटीज जैसी कई बीमारियां भी हो सकती हैं. तो चलिए आज ऐसे ही कुछ आम और रोज खाए जाने वाले गलत फूड कॉम्बिनेशन के बारे में जानते हैं  जिनसे जितना जल्दी हो सके, बचना चाहिए.

रोज खाए जाने वाले गलत फूड कॉम्बिनेशन कौन से हैं?

1. दही और घी साथ में खाना: दही और घी दोनों ही हेल्दी माने जाते हैं. लेकिन इन दोनों को एक साथ खाना आपके मेटाबॉलिज्म को धीमा कर सकता है. इससे पेट भारी लगता है, सुस्ती आती है और वजन कम करना मुश्किल हो जाता है. ऐसे में दही को दिन में और घी को रात में खाएं.

2. दूध और नमक साथ में: दूध के बाद या साथ में नमकीन खाना एक खतरनाक कॉम्बिनेशन है. इससे शरीर में टॉक्सिन बनने लगते हैं, जो ब्लड को गंदा कर सकते हैं और स्किन प्रॉब्लम का कारण बन सकते हैं. इसलिए आप दूध और नमकीन चीजें एक साथ या पास-पास न खाएं.

3. टमाटर और खीरे का सलाद: ये दोनों सब्जियां दिखने में फ्रेश लगती हैं और सलाद में सबसे ज्यादा डाली जाती है, लेकिन इन्हें साथ खाने से पाचन बिगड़ सकता है. इससे गैस बनती है और पेट में जलन हो सकती है. ​इसलिए आप सलाद में दोनों में से एक चीज का ही यूज करें.

4. ब्रेड-जैम का कॉम्बिनेशन: ब्रेड-जैम बच्चों और बड़ों दोनों का फेवरेट है, लेकिन व्हाइट ब्रेड में रिफाइंड कार्ब्स और जैम में शुगर बहुत ज्यादा होती है, इन्हें साथ में खाने से ये शुगर बढ़ा सकते हैं, जिससे वजन बढ़ता है और डायबिटीज का खतरा भी हो सकता है. इसलिए जरूरी है कि होल व्हीट ब्रेड और होममेड फ्रूट स्प्रेड का यूज करें.

5.  दूध के साथ खट्टी चीजें: दूध के साथ नींबू, संतरा, या कोई भी खट्टी चीज खाने से दूध फट जाता है और पच नहीं पाता, इससे गैस, पेट दर्द और अपच हो सकता है. इसलिए दूध और खट्टी चीजें कभी साथ में न खाएं.

6. मूंगफली खाने के तुरंत बाद पानी: मूंगफली खाने के बाद अगर तुरंत पानी पिया जाए, तो यह गले या छाती में जमा होकर खांसी या सांस लेने की दिक्कत पैदा कर सकता है. ऐसे में मूंगफली के बाद कम से कम 20 मिनट तक पानी न पिएं.

7. चावल और सिरका: कुछ लोग चावल में सिरका डालकर खाते हैं, खासकर जब वे चाइनीज खाना ट्राई करते हैं. लेकिन यह लिवर पर बुरा असर डाल सकता है और पाचन की समस्या बढ़ा सकता है. हालांकि आप सिरके की जगह नींबू का रस डालें.

8. पालक पराठा और चाय: सुबह के नाश्ते में यह कॉम्बिनेशन आम है, लेकिन पालक में आयरन होता है और चाय में कैफीन, जो आयरन को शरीर में जाने से रोक देती है, 
इसलिए पालक पराठा खाने के 30-45 मिनट बाद चाय पिएं.

इन जरूरी बातों का रखें ध्यान

1. खाने का कॉम्बिनेशन सोच-समझकर करें.

2. सोशल मीडिया ट्रेंड्स पर ज्यादा जल्दी भरोसा न करें. 

3. हमेशा हल्का और बैलेंस खाना खाएं.

4. पाचन को अच्छा रखने के लिए सही टाइमिंग और गैप का ध्यान रखें.

5. खाना खाने के बाद तुरंत पानी, फल या दूध न लें.

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पूरे दिन थकान महसूस करते हैं तो इन आदतों को बदल दें, वरना पछताना पड़ेगा

पूरे दिन थकान महसूस करते हैं तो इन आदतों को बदल दें, वरना पछताना पड़ेगा


Reason of Tiredness: सुबह उठते ही अगर ऐसा लगता है कि शरीर में जान नहीं है, ऑफिस में बार-बार जम्हाई आती है और शाम तक हर काम बोझ लगने लगता है तो समझ लीजिए कि ये सिर्फ नींद की कमी नहीं, बल्कि आपकी कुछ आदतें हैं जो आपकी एनर्जी को कम रही हैं. 

कई लोग दिनभर थकावट का कारण उम्र या काम का दबाव मान लेते हैं, लेकिन असल वजह खतरनाक आदतें होती हैं, जिन्हें हम रोजमर्रा में नजरअंदाज करते हैं. डॉ. शालिनी सिंह बताती हैं कि, अगर समय रहते इन आदतों को ना बदला जाए, तो यह केवल थकान तक सीमित नहीं रहता, बल्कि गंभीर शारीरिक और मानसिक समस्याओं की जड़ बन सकती है.

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नींद का अनियमित समय

अगर आपकी नींद का कोई तय समय नहीं है या आप रोज देर से सोकर सुबह जल्दी उठते हैं, तो आपका शरीर पूरी तरह से रीकवर नहीं हो पाता. कम नींद न केवल थकान बल्कि चिड़चिड़ापन और कमजोरी का कारण बनती है.

सुबह का नाश्ता स्किप करना

बहुत से लोग जल्दी में नाश्ता छोड़ देते हैं, जिससे शरीर को जरूरी ऊर्जा नहीं मिलती और दिनभर थकावट महसूस होती है.

पानी कम पीना

पानी की कमी शरीर में डिहाइड्रेशन का कारण बनती है, जिससे थकावट, सिरदर्द और कमजोरी महसूस होती है. दिनभर में कम से कम 8-10 ग्लास पानी जरूर पिएं. अगर ठंड है, तो गुनगुना पानी पिएं.

बहुत अधिक स्क्रीन टाइम

मोबाइल, लैपटॉप और टीवी का अधिक इस्तेमाल आंखों और दिमाग पर तनाव डालता है, जिससे एनर्जी लेवल गिरता है.हर 30 मिनट बाद स्क्रीन से ब्रेक लें, आंखों को आराम दें और कुछ देर वॉक करें.

शारीरिक गतिविधि की कमी

अगर आप सारा दिन बैठे रहते हैं और कोई फिजिकल एक्टिविटी नहीं करते, तो मांसपेशियां कमजोर हो जाती हैं और शरीर में कमजोरी महसूस होती है. 

नकारात्मक सोच और तनाव

अगर आप हर वक्त चिंतित रहते हैं या नेगेटिव सोचते हैं, तो मानसिक थकान भी शारीरिक थकान में बदल जाती है.

थकान केवल कमजोरी का संकेत नहीं है, बल्कि यह शरीर की चेतावनी है कि आप कुछ गलत कर रहे हैं. अगर आप भी हर दिन खुद को थका हुआ महसूस करते हैं, तो समय रहते अपनी आदतों की समीक्षा करें और उनमें बदलाव लाएं। वरना यही छोटी-छोटी लापरवाही आगे चलकर गंभीर बीमारियों का कारण बन सकती हैं.

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चाट-चाटकर खाते हैं बर्गर-पिज्जा तो हो जाएं सावधान, जानें सेहत के लिए क्यों है खतरनाक?

चाट-चाटकर खाते हैं बर्गर-पिज्जा तो हो जाएं सावधान, जानें सेहत के लिए क्यों है खतरनाक?


Side Effects of Fast Food: जब भी भूख लगती है या मूड खराब होता है तो सबसे पहले दिमाग में जो चीज आती है वो है, बर्गर और पिज्जा. गर्मा-गरम पिज्जा या क्रिस्पी बर्गर का नाम सुनते ही मुंह में पानी आ जाता है. खासकर बच्चों से लेकर युवाओं तक, हर कोई इन फास्ट फूड्स का दीवाना है. सोशल मीडिया पर “पिज्जा पार्टी” और “बर्गर लव” जैसी पोस्ट आम हो गई हैं. 

खास बात यह है कि, हम इन चीज़ों को मजे से खाते तो हैं, लेकिन यह नहीं सोचते कि हर एक बाइट हमारे शरीर में क्या नुकसान कर रहा है. ये स्वादिष्ट दिखने वाले फूड आइटम्स असल में कई बीमारियों को खुला निमंत्रण दे सकते हैं. इसलिए डॉ. पाल मणिकम ने इस बारे में चौंकाने वाली जानकारी दी है, जिसे जानना हर किसी के लिए जरूरी है. 

डॉ. पाल मणिकम के अनुसार, बर्गर और पिज्जा जैसे फास्ट फूड आइटम्स अत्यधिक प्रोसेस्ड होते हैं, जिनमें पोषक तत्वों की कमी होती है और ट्रांस फैट, नमक, चीनी और प्रिजर्वेटिव्स की भरमार होती है. ये चीजें शरीर के मेटाबॉलिज्म को बिगाड़ती हैं और धीरे-धीरे गंभीर बीमारियों को जन्म देती हैं.

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मोटापे का खतरा

बर्गर और पिज्जा में मौजूद सैचुरेटेड फैट्स और कार्ब्स शरीर में फैट जमा करते हैं. बार-बार इनका सेवन करने से वजन तेजी से बढ़ता है, जिससे डायबिटीज़, हाई ब्लड प्रेशर और थायरॉइड जैसी समस्याएं हो सकती हैं.

हार्ट डिजीज का जोखिम

इन फूड्स में ट्रांस फैट्स की मात्रा अधिक होती है, जो शरीर में बैड कोलेस्ट्रॉल को बढ़ाता है और गुड कोलेस्ट्रॉल को घटाता है. इससे आर्टरीज ब्लॉक हो सकती हैं और हार्ट अटैक का खतरा भी बढ़ता है.

पाचन संबंधी समस्याएं

फास्ट फूड्स में फाइबर की कमी होती है, जिससे कब्ज, एसिडिटी, गैस और अपच जैसी समस्याएं हो सकती हैं. इसके अलावा प्रोसेस्ड चीज़ और मीट का अत्यधिक सेवन आंतों पर बुरा असर डालता है.

मेंटल हेल्थ पर असर

लंबे समय तक फास्ट फूड का सेवन करने से मानसिक तनाव, चिड़चिड़ापन और डिप्रेशन जैसी समस्याएं भी बढ़ सकती हैं. इसमें मौजूद आर्टिफिशियल फ्लेवर और कलर्स न्यूरोलॉजिकल फंक्शन को भी प्रभावित करते हैं.

स्किन और हेयर पर बुरा असर

इन चीजों में मौजूद अधिक तेल और चीनी से स्किन पर पिंपल्स और एक्ने की समस्या हो सकती है. वहीं, बालों में रूखापन और झड़ने की शिकायत भी आम हो जाती है.

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