बुजुर्गों को अक्सर निमोनिया क्यों होता है? जानें इस गंभीर इंफेक्शन के लक्षण और बचाव का तरीका


निमोनिया एक जानलेवा संक्रमण है जिसमें आपके फेफड़ों में छोटी हवा की थैलियां (एल्वियोली) सूजने लगती हैं जिससे खांसी और सांस लेने में तकलीफ जैसे लक्षण दिखाई देते हैं. निमोनिया न केवल युवाओं में बल्कि बड़ी उम्र के लोगों में भी आम है. यह रोगियों में उच्च रुग्णता और मृत्यु दर का कारण बनता है. वृद्धों में होने वाला निमोनिया, जिसे अक्सर श्वसन स्वास्थ्य से संबंधित चर्चाओं में अनदेखा कर दिया जाता है. फेफड़ों का एक गंभीर संक्रमण है जो कुछ वृद्ध वयस्कों को प्रभावित कर सकता है.

 इस आयु वर्ग में आमतौर पर कमज़ोर प्रतिरक्षा प्रणाली और अंतर्निहित स्थितियां होती हैं, जिससे वे निमोनिया की जटिलताओं के प्रति अधिक संवेदनशील हो जाते हैं. अन्य युवा रोगियों के विपरीत, जो छाती में दर्द और तेज़ बुखार जैसे सामान्य लक्षणों का अनुभव कर सकते हैं. वृद्ध रोगियों में भ्रम या यहां तक कि अचानक गतिशीलता में कमी देखी जाती है और उन्हें अस्पताल में भर्ती होने की आवश्यकता हो सकती है.

कारण: जब हमने ग्लेनेगल्स अस्पताल परेल के पल्मोनोलॉजी और लंग ट्रांसप्लांट तो उन्होंने कहा कि बुजुर्गों में निमोनिया कई अंतर्निहित कारकों से होता है जैसे कि उम्र बढ़ने के साथ कमज़ोर प्रतिरक्षा प्रणाली, क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज (सीओपीडी), मधुमेह या हृदय रोग जैसी पुरानी स्वास्थ्य स्थितियां, खराब पोषण या शारीरिक गतिविधि की कमी जैसे जीवनशैली कारक फेफड़ों की कमज़ोरी और ठीक होने की क्षमता को कम कर सकते हैं.

लक्षण: इस स्थिति के लक्षण खांसी, बुखार और ठंड लगना, सीने में दर्द, थकान, सांस लेने में तकलीफ़ और तेज़ सांस लेना हैं. ये लक्षण किसी व्यक्ति के मन की शांति को छीन सकते हैं और दैनिक गतिविधियों को आसानी से करने की उसकी क्षमता में बाधा डाल सकते है.। अगर बुजुर्गों में भ्रम, सांस लेने में तकलीफ़, शरीर का असामान्य तापमान और असहनीय सीने में दर्द जैसे अतिरिक्त लक्षण हैं, तो उन्हें डॉक्टर से परामर्श लेना चाहिए.

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इलाज: निदान की पुष्टि करने के लिए रक्त परीक्षण, सीटी स्कैन और एक्स-रे की मदद से इस स्थिति का पता लगाया जा सकता है. जीवन की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए डॉक्टर द्वारा दिए गए निर्देशों का पालन करना आवश्यक है.

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इलाज: इलाद में सभी तरह की सुविधाएं होनी चाहिए. इसका मतलब है एंटीबायोटिक्स, एंटीवायरल दवाएँ, साथ ही सहायक देखभाल, जिसमें हाइड्रेशन, SPO2 के स्तर की निगरानी, ​​पर्याप्त आराम, साथ ही फुफ्फुसीय पुनर्वास शामिल है. कम से कम समय में ऐसा इलाज जटिलताओं को रोकेगा, उदाहरण के लिए, श्वसन विफलता, फेफड़ों में फोड़ा, सेप्सिस, फेफड़ों में द्रव का जमाव, और अंततः बुजुर्ग रोगियों में मृत्यु.

बुजुर्गों में निमोनिया को रोकने के लिए सुझाव: न्यूमोकोकल वैक्सीन और इन्फ्लूएंजा वैक्सीन लगवाना, नियमित रूप से हाथ धोना, व्यक्तिगत स्वच्छता बनाए रखना, मास्क पहनना, बार-बार छुई जाने वाली सतहों को कीटाणुरहित करना, भीड़-भाड़ वाली जगहों या बीमार लोगों के आस-पास रहने से बचना, धूम्रपान छोड़ना, संतुलित आहार खाना, रोजाना व्यायाम करना, नियमित रूप से अच्छी नींद लेना और फेफड़ों को स्वस्थ रखने के लिए उचित हाइड्रेशन सुनिश्चित करना निमोनिया को रोकने के लिए महत्वपूर्ण है.

मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.

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क्या वाकई प्रेग्नेंसी के दौरान इस्तेमाल नहीं करने चाहिए ब्यूटी प्रोडक्ट्स?


Beauty Products in Pregnancy : प्रेगनेंसी किसी भी महिला के लिए बेहद खास पल होते हैं. इस दौरान खानपान से लेकर सेहत तक का अच्छी तरह ख्याल रखना पड़ता है, क्योंकि इस समय किया गया हर छोटा-बड़ाकाम होने वाले बच्चे की सेहत से जुड़ा होता है. हालांकि, प्रेगनेंसी में ध्यान सिर्फ खानपान और डेली रुटीन को लेकर ही नहीं कुछ अन्य चीजों को लेकर भी रखना चाहिए.

कई ऐसी चीजें हैं जो मां और बच्चे की सेहत को प्रभावित कर सकती हैं. इनमें कुछ ब्यूटी प्रोडक्ट्स भी शामिल हैं. ऐसे में सवाल उठता है कि क्या प्रेगनेंसी में ब्यूटी प्रोडक्ट्स यानी मेकअप का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए. आइए जानते हैं इसका जवाब…

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क्या प्रेगनेंसी में मेकअप प्रोडक्ट्स नहीं यूज करना चाहिए  

हेल्थ एक्सपर्ट्स के अनुसार, कुछ स्किन केयर प्रोडक्ट्स (Skin Care Products) ऐसे इंग्रीडिएंट्स होते हैं, जो गर्भवती महिलाओं के लिए सही नहीं माने जाते हैं. इससे गर्भ में पल रहे बच्चे की सेहत को भी नुकसान पहुंच सकता है. एक्सपर्ट्स के अनुसार, आप जो सीधे तौर पर खाती हैं, सिर्फ वही बच्चे की सेहत पर असर नहीं डालता है, बल्कि जो कुछ भी आप अपनी स्किन पर लगाती हैं, उसका भी असर बच्चे की सेहत पर पड़ सकता है. क्योंकि कुछ स्किनकेयर और सेल्फ केयर प्रोडक्ट्स में पाए जाने वाले इंग्रीडिएंट्स आपकी स्किन ही नहीं बल्कि ब्लड में भी अवशोषित हो सकते हैं, जो गर्भ में पल रहे बच्चे को नुकसान पहुंचा सकते हैं.

ब्यूटी प्रोडक्ट्स के कौन से इंग्रीडिएंट्स कर सकते हैं प्रभावित

सैलिसिलिक एसिड

हाइड्रोक्विनोन

रेटिनोइड्स 

प्रेगनेंसी में कौन से ब्यूटी प्रोडक्ट्स इंग्रीडिएंट्स सेफ

विटामिन सी

हायलूरॉनिक एसिड 

लैक्टिक एसिड

ऐज़ेलेइक एसिड 

बाकुचिओल 

जिंक ऑक्साइड 

टाइटेनियम डाइऑक्साइड 

प्रेग्नेंसी में ब्यूटी प्रोडक्ट्स इस्तेमाल करने के टिप्स

अपने डॉक्टर से सलाह लें

प्रोडक्ट्स के लेबल को ध्यान से पढ़ें

नेचुरल और ऑर्गेनिक प्रोडक्ट्स ही चुनें

सुरक्षित और हाइपोएलर्जेनिक प्रोडक्ट्स ही इस्तेमाल करें.

Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.

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