
सफेद कद्दू का जूस पीने के क्या-क्या फायदे, किन दिक्कतों को करता है दूर?
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Restaurant Plastic Container : आजकल व्यस्त जीवनशैली के कारण बाहर से खाना मंगवाना आम बात हो गई है. चाहे पार्टी हो, ऑफिस की मीटिंग या घर में कोई मेहमान, इन दिनों रेस्टोरेंट से टिफिन या फूड डिलीवरी का ट्रेंड तेजी से बढ़ा है. अधिकतर होटल और रेस्टोरेंट प्लास्टिक के कंटेनरों में खाना पैक करके देते हैं. ये डिब्बे देखने में तो साफ और सुविधाजनक लगते हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि इनमें रखा गर्म खाना धीरे-धीरे कैंसर जैसी घातक बीमारी का कारण बन सकता है? आइए जानें कि प्लास्टिक के डिब्बों में खाना पैक कराना कितना खतरनाक हो सकता है और इससे कैसे बचा जा सकता है.
प्लास्टिक के डिब्बे कैसे बढ़ता है कैंसर का जोखिम?
बिस्फेनॉल-A और फ्थेलेट्स
बहुत से प्लास्टिक कंटेनर BPA जैसे केमिकल्स से बने होते हैं. ये एंडोक्राइन डिसरप्टर होते हैं, जो शरीर के हार्मोन सिस्टम में दखल देते हैं. जब गर्म खाना या चिकनाईयुक्त खाना इन डिब्बों में रखा जाता है, तो ये केमिकल खाने में मिल सकते हैं. यह धीरे-धीरे शरीर में इकट्ठा होकर कैंसर, हार्मोनल असंतुलन और इनफर्टिलिटी तक की वजह बन सकते हैं.
गर्म खाना और प्लास्टिक की प्रतिक्रिया
गर्म खाना प्लास्टिक के साथ प्रतिक्रिया करके टॉक्सिक केमिकल छोड़ता है. विशेष रूप से माइक्रोवेव में गर्म किए गए प्लास्टिक कंटेनर सबसे अधिक नुकसान पहुंचाते हैं.
लो-ग्रेड और रिसाइकल्ड प्लास्टिक का इस्तेमाल
कई छोटे रेस्टोरेंट और डिलीवरी कंपनियां सस्ता और घटिया क्वालिटी का प्लास्टिक उपयोग करती हैं, जो फूड-ग्रेड नहीं होता. इन डिब्बों से रिसने वाले केमिकल्स कई गंभीर रोगों की जड़ बन सकते हैं.
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कौन-कौन सी बीमारियों का बढ़ता है खतरा?
कैसे करें बचाव?
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Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.
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Eye Infection in Summer : गर्मियों का मौसम जहां ठंडी चीजें और तरह-तरह के फल मार्केट में लाता है. वहीं, इस मौसम में कई तरह की स्वास्थ्य समस्याओं का भी खतरा रहता है. मुख्य रूप से आंखों के संक्रमण का खतरा इस मौसम में काफी बढ़ जाता है. तेज धूप, धूल-मिट्टी, पसीना और संक्रमण फैलाने वाले वायरस-बैक्टीरिया मिलकर आंखों को नुकसान पहुंचा सकते हैं. आइए जानते हैं इस बारे में-
गर्मियों में क्यों बढ़ जाता है आंखों के इंफेक्शन का खतरा?
तेज धूप और UV किरणें
सूरज की तेज किरणें आंखों की नाजुक स्किन और रेटिना को नुकसान पहुंचा सकती हैं. UV किरणें लंबे समय तक आंखों में जलन, ड्राईनेस और इंफेक्शन का कारण बन सकती हैं.
धूल और प्रदूषण
गर्मियों में हवा में उड़ती धूल और मिट्टी आंखों में जाकर जलन, खुजली और लालिमा पैदा कर सकती है, जिससे *कंजंक्टिवाइटिस (आंख आना)* या एलर्जिक रिएक्शन हो सकता है.
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पसीना और गंदे हाथों से छूना
गर्मी में अक्सर पसीने की वजह से हम बिना हाथ धोए आंखें छूते हैं, जिससे बैक्टीरिया या वायरस आंखों तक पहुंच जाते हैं.
संक्रमित पानी का प्रयोग
गर्मियों में स्विमिंग का चलन बढ़ता है, और क्लोरीन युक्त या दूषित पानी आंखों में जाकर इंफेक्शन फैला सकता है.
आंखों को इंफेक्शन से कैसे रखें सुरश्रित
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Sugar in Mango Shake : गर्मी का मौसम हो और आम का जिक्र न हो, ऐसा हो ही नहीं सकता. आम को फलों का राजा कहा जाता है और इसका स्वाद हर किसी को भाता है. कई लोग गर्मियों में ठंडा-ठंडा मैंगो शेक बनाकर पीना पसंद करते हैं. लेकिन स्वाद बढ़ाने के लिए जब इसमें ऊपर से चीनी डाली जाती है, तो यह स्वादिष्ट ड्रिंक आपके लिए जहर बन सकता है. आइए जानते हैं कैसे?
डबल शुगर लोड
आम एक प्राकृतिक रूप से मीठा फल है, जिसमें पहले से ही फ्रक्टोज और ग्लूकोज जैसे शर्करा तत्व भरपूर होते हैं. जब आप इसमें ऊपर से रिफाइंड शुगर यानि चीनी डालते हैं, तो उसका ग्लाइसेमिक लोड बहुत अधिक बढ़ जाता है. यह डायबिटीज मरीजों के लिए काफई घातक हो सकता है. इससे शुगर स्पाइक होने का खतरा रहता है.
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बढ़ जाता है तेजी से वजन
मैंगो शेक में आम, दूध और चीनी मिलाया जाता है, इन तीनों में कैलोरी होती है. चीनी मिलाने से यह पेय एक हाई-कैलोरी ड्रिंक बन जाता है. रोजाना इसका सेवन वजन बढ़ा सकता है और मोटापा हार्मोनल असंतुलन, थायराइड या इंसुलिन रेसिस्टेंस जैसी समस्याएं ला सकता है.
दिल को पहुंचाता है नुकसान
काफी ज्यादा चीनी का सेवन शरीर में ट्राइग्लिसराइड्स को बढ़ा सकता है, जो दिल की बीमारियों के प्रमुख कारणों में से एक है. अगर आप हार्ट डिजीज से बचना चाहते हैं, तो इससे मैंगो शेक में चीनी को मिलाकर पीना बंद करें.
दांतों और स्किन पर असर
चीनी दांतों में कैविटी का कारण बन सकती है. साथ ही इससे स्किन में ग्लाइकेशन नामक प्रक्रिया होती है, जो त्वचा की उम्र को तेजी से बढ़ाती है. लंबे समय तक इसका सेवन करने से चेहरे पर दाग-धब्बे और झुर्रियां जल्दी आने लगती हैं. इसलिए कोशिश करें कि सिंपल सा मैंगो शेक बनाकर पिएं.
पाचन में गड़बड़ी
चीनी और दूध का कॉम्बिनेशन कुछ लोगों में गैस, अपच और ब्लोटिंग जैसी समस्याएं उत्पन्न कर सकता है, खासकर जब यह आम जैसे भारी फल के साथ लिया जाए.
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Summer Rain : गर्मी के मौसम में जब अचानक बारिश होती है, तो वह तपती धरती और गर्म हवा को ठंडक देती है. ऐसे में बहुत से लोग बारिश में भीगने का आनंद लेते हैं. लेकिन ऐसा करने के लिए अक्सर बड़े-बुजुर्ग मना करते हैं. उनका कहना है कि गर्मी में होने वाली बारिश से नहाने से बीमार होने का खतरा रहता है. लेकिन हम उनकी बातों को नजरअंदाज कर देते हैं. ऐसा करना आपको बीमार कर सकता है. जी हां, गर्मी में होने वाली बारिश आपको बीमार कर सकती है. आइए जानते हैं क्यों?
क्यों गर्मी के बारिश में हो सकते हैं बीमार?
गर्मी और ठंड लगना
गर्मियों में शरीर का तापमान अधिक रहता है. जब अचानक ठंडे बारिश के पानी से शरीर संपर्क में आता है, तो यह तापमान में तेजी से बदलाव लाता है. इससे शरीर की प्रतिरोधक क्षमता (इम्यून सिस्टम) कुछ समय के लिए कमजोर हो सकती है और सर्दी-जुकाम, बुखार जैसी समस्याएं हो सकती हैं.
गंदा और प्रदूषित बारिश का पानी
गर्मियों की पहली बारिश अक्सर वायुमंडल में मौजूद धूल, प्रदूषण और रासायनिक तत्वों को बहाकर लाती है. यह बारिश का पानी त्वचा और सिर पर पड़ने से एलर्जी, स्किन इंफेक्शन या आंखों में जलन जैसी दिक्कतें ला सकता है.
भीगे कपड़ों में देर तक रहना
अगर आप बारिश में भीगकर लंबे समय तक गीले कपड़ों में रहते हैं, तो इससे शरीर ठंडा पड़ सकता है और बुखार, बदन दर्द, या जुकाम की संभावना बढ़ जाती है.
फंगल संक्रमण का खतरा
गीले कपड़ों, जूतों या मोजों में लंबे समय तक रहने से त्वचा पर फंगल इन्फेक्शन हो सकता है, खासकर पैरों की उंगलियों के बीच, अंडरआर्म्स और प्राइवेट पार्ट्स में संक्रमण फैलने का खतरा बढ़ जाता है.
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मच्छरों और बीमारियों का बढ़ता खतरा
बारिश के बाद जहां पानी जमा होता है, वहां मच्छर पनपते हैं, जिससे डेंगू, मलेरिया जैसी बीमारियों का खतरा भी बढ़ जाता है.
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Coconut Water in Sugar : नारियल पानी को अक्सर नैचुरल एनर्जी ड्रिंक का नाम दिया गया है. गर्मियों में इसका सबसे अधिक सेवन किया जाता है. इसका सेवन बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक करते हैं. यह शरीर को हाइड्रेट करता है, इलेक्ट्रोलाइट्स की पूर्ति करता है और थकान मिटाने में मदद करता है. लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि नारियल पानी का आपके शुगर लेवल (Blood Sugar Level) पर क्या असर पड़ता है? मुख्य रूप से डायबिटीज के मरीजों के लिए यह जानना जरूरी है कि नारियल पानी कितना सुरक्षित है?
नारियल पानी में मौजूद नैचुरल शुगर?
नारियल पानी में मौजूद मिठास प्राकृतिक होती है, जो मुख्यतः ग्लूकोज और फ्रक्टोज जैसे शर्करा तत्वों से आती है. एक मध्यम आकार के हरे नारियल में लगभग 200-250 मि.ली. पानी होता है, जिसमें लगभग 5-6 ग्राम नैचुरल शुगर हो सकती है. यह मात्रा बहुत ज्यादा नहीं है, लेकिन यह पूरी तरह जीरो भी नहीं है. ऐसे में इसका संतुलित मात्रा में सेवन करना सही होता है.
क्या नारियल पानी शुगर लेवल बढ़ाता है?
नारियल पानी में शुगर की मात्रा कम होती है और यह एक लो ग्लाइसेमिक इंडेक्स (Low Glycemic Index) वाला ड्रिंक है. इसका मतलब यह है कि यह धीरे-धीरे ब्लड शुगर को बढ़ाता है, जिससे अचानक ब्लड शुगर स्पाइक होने का खतरा कम रहता है.
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हालांकि, डायबिटीज के मरीजों के लिए यह जरूरी है कि वे हर प्रकार की मिठास पर नजर रखें. यदि कोई व्यक्ति एक दिन में कई बार या अत्यधिक मात्रा में नारियल पानी पीता है, तो यह उसकी ब्लड शुगर को प्रभावित कर सकता है, खासकर अगर वह पहले से ही अनियंत्रित हो.
डायबिटीज रोगियों को नारियरल पानी पीने के फायदे
इसमें पोटैशियम, मैग्नीशियम, कैल्शियम जैसे तत्व होते हैं, जो हृदय और मांसपेशियों को बेहतर ढंग से काम करने में मदद करते हैं.
नारियल पानी में फैट नहीं होता और इसकी कैलोरी भी बहुत कम होती है. यह मोटापा कम करने और वजन नियंत्रित रखने में सहायक है, जो कि डायबिटीज के लिए बहुत महत्वपूर्ण है.
कुछ अध्ययन बताते हैं कि नारियल पानी में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट्स शरीर की इंसुलिन को उपयोग करने की क्षमता को बेहतर कर सकते हैं.
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