शराब पीने के बाद रिलीज होते हैं ये हार्मोन, पीते ही गम भुलाने लगते हैं लोग

शराब पीने के बाद रिलीज होते हैं ये हार्मोन, पीते ही गम भुलाने लगते हैं लोग


Hormone Release after Alcohol: क्या वाकई, कुछ पैग पीने के बाद हल्कापन महसूस होता है या फिर हम सबकुछ भूलने लगते हैं. ज्यादातर लोग शराब इसलिए पीते हैं क्योंकि कुछ पुरानी यादे भुलना चाहते हैं, लेकिन क्या ऐसा कर पाते हैं. इसका जवाब शरीर में होने वाले हार्मोनल बदलाव में छिपा है, शराब केवल एक पेय नहीं, बल्कि एक ऐसा कैमिकल है, जो दिमाग के साथ गहरी केमिस्ट्री बनाता है.

शराब पीने पर कौन-कौन से हार्मोन रिलीज होते हैं?

डोपामिन

शराब पीते ही सबसे पहले डोपामिन रिलीज होता है, जिसे “प्लेज़र हार्मोन” कहा जाता है. यह वही हार्मोन है जो हमें तब भी मिलता है जब हम चॉकलेट खाते हैं या किसी से प्यार जताते हैं. शराब इस हार्मोन को असामान्य रूप से बढ़ा देती है, जिससे व्यक्ति को आनंद की अनुभूति होती है और तनाव या दुख की भावनाएं कुछ समय के लिए दब जाती हैं

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GABA (Gamma-Aminobutyric Acid) एक न्यूरोट्रांसमीटर है जो मस्तिष्क को शांत करता है. शराब इसके प्रभाव को बढ़ा देती है, जिससे व्यक्ति रिलैक्स महसूस करता है. यही वजह है कि कुछ पैग के बाद लोग नींद में झूलने लगते हैं या चिंता भूल जाते हैं.

एंडोर्फिन

एंडोर्फिन का काम होता है शरीर को खुशी और आराम देना. शराब के सेवन से इसका स्तर भी बढ़ता है, जिससे दुख या भावनात्मक दर्द कम महसूस होता है.

डॉक्टर क्या कहते हैं?

डॉक्टरों के अनुसार, शराब अस्थायी रूप से मस्तिष्क के उन हिस्सों को प्रभावित करती है जो भावनाओं और यादों को कंट्रोल करते हैं. इस दौरान रिलीज़ होने वाले हार्मोन जैसे डोपामिन आपको कुछ घंटों के लिए बेहतर महसूस करा सकते हैं, लेकिन बार-बार ऐसा करना मानसिक स्वास्थ्य पर बुरा असर डालता है. डॉक्टर बताते हैं कि लंबे समय तक शराब के भरोसे दुख भूलने की आदत डिप्रेशन, मेमोरी लॉस और लत का कारण बन सकती है.

शराब से मिलने वाला सुकन कुछ वक्त के लिए होता है. गम को भुलाने के लिए हार्मोन जरूर मदद करते हैं, लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि ये स्थायी समाधान हैं. भावनात्मक समस्याओं से जूझने के लिए प्रोफेशनल मदद, योग, मेडिटेशन और अपनों से बात करना कहीं अधिक असरदार और सुरक्षित उपाय हैं.

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Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.

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ऋतिक रोशन को हैं ये दो अजीब बीमारियां, एक तो दिमाग से है जुड़ी

ऋतिक रोशन को हैं ये दो अजीब बीमारियां, एक तो दिमाग से है जुड़ी


Hrithik Roshan Health Issues: बॉलीवुड के सबसे फिट और स्टाइलिश अभिनेताओं में शुमार ऋतिक रोशन को देखकर शायद ही कोई सोच सकता है कि उनकी जिंदगी में कभी गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं भी रही होंगी. दमदार बॉडी, एनर्जेटिक डांस मूव्स और हर किरदार में जान फूंक देने वाली उनकी अदाकारी लाखों लोगों को प्रेरणा देती है, लेकिन पर्दे के पीछे की कहानी कुछ और ही है.

बहुत कम लोग जानते हैं कि ऋतिक ने अपनी जिंदगी में दो बेहद अजीब और चुनौतीपूर्ण बीमारियों से लड़ाई लड़ी है. एक बीमारी उनके दिमाग से जुड़ी थी, जिसने उनकी फिल्मी करियर पर भी असर डाला. वहीं दूसरी बीमारी ने उनके शरीर को प्रभावित किया और उन्हें लंबे समय तक दर्द से जूझना पड़ा था. यही नहीं, बचपन से ही वह एक ऐसी कमजोरी से लड़ते आए हैं, जो उन्हें बार-बार कमजोर बना सकती थी, लेकिन उन्होंने कभी हार नहीं मानी.

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ब्रेन इंजरी

साल 2013 में ‘बैंग बैंग‘ फिल्म की शूटिंग के दौरान ऋतिक को सिर में तेज चोट लगी थी. शुरुआत में उन्होंने इसे नजरअंदाज किया, लेकिन कुछ समय बाद सिरदर्द असहनीय हो गया. जब MRI कराया गया, तो डॉक्टरों ने ब्रेन में खून का थक्का बताया था, जो जानलेवा भी हो सकता था। इसके बाद ऋतिक को ब्रेन सर्जरी करानी पड़ी और कई हफ्तों तक आराम की सलाह दी गई. इस हादसे ने न सिर्फ उनके काम को प्रभावित किया, बल्कि उनकी मानसिक और शारीरिक ताकत की भी सच्ची परीक्षा ली. लेकिन उन्होंने न हार मानी और न ही कैमरे से दूरी बनाई.

स्कोलियोसिस

जब ऋतिक 21 साल के थे, तो उन्हें पता चला कि उन्हें स्कोलियोसिस नामक रीढ़ की हड्डी की बीमारी है. इसमें रीढ़ की हड्डी एक तरफ मुड़ने लगती है, जिससे लगातार दर्द और थकान बनी रहती है. डॉक्टरों ने साफ कह दिया था कि वह एक्शन सीन या डांस कभी नहीं कर पाएंगे.लेकिन ऋतिक ने डॉक्टरों की सलाह को चुनौती मान लिया. उन्होंने व्यायाम, फिजियोथेरेपी और संतुलित जीवनशैली की मदद से न सिर्फ स्कोलियोसिस को कंट्रोल किया, बल्कि बॉलीवुड के सबसे बेहतरीन डांसर भी बने.

हकलाने की बीमारी

कम ही लोग जानते हैं कि ऋतिक को बचपन से ही हकलाने की समस्या थी. स्कूल में बच्चे उनका मजक उड़ाते थे, और वह सार्वजनिक रूप से बोलने से डरते थे. उन्होंने सालों तक स्पीच थैरेपी ली, बार-बार प्रैक्टिस की और धीरे-धीरे इस कमजोरी को मात दी. आज जब वह स्टेज पर बोलते हैं, तो आत्मविश्वास झलकता है.

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इन लोगों को कभी नहीं खाना चाहिए चुकंदर, सेहत के लिए नुकसानदायक

इन लोगों को कभी नहीं खाना चाहिए चुकंदर, सेहत के लिए नुकसानदायक


Side Effects of Beetroot: जब भी सेहतमंद खाने की बात आती है तो चुकंदर को सुपरफूड की तरह प्रस्तुत किया जाता है. इसकी खूबसूरत गहरी लाल रंगत, मिट्टी-सी खुशबू और पोषण से भरपूर गुणों के कारण यह अक्सर सलाद, जूस और सूप में शामिल किया जाता है.

डॉक्टर भी इसे रक्त बढ़ाने वाला, ब्लड प्रेशर कंट्रोल करने वाला और डिटॉक्सिफाइंग एजेंट बताते हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि हर किसी को चुकंदर खाना फायदेमंद नहीं होता? कुछ विशेष परिस्थितियों में यह सेहत के लिए नुकसानदायक साबित हो सकता हैडॉक्टरों की मानें तो कुछ खास बीमारियों या शरीर की स्थितियों में चुकंदर का सेवन करने से परेशानी बढ़ सकती है.

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किडनी स्टोन

चुकंदर में ऑक्सलेट की मात्रा अधिक होती है, जो ऑक्सलेट टाइप किडनी स्टोन का कारण बन सकती है. अगर किसी को किडनी स्टोन की समस्या है या पहले हो चुका है, तो उन्हें चुकंदर का सेवन सीमित या बिल्कुल बंद कर देना चाहिए.

लो ब्लड प्रेशर

चुकंदर में नाइट्रेट्स होते हैं, जो शरीर में जाकर नाइट्रिक ऑक्साइड में बदलते हैं और रक्त वाहिकाओं को फैलाकर ब्लड प्रेशर को कम करते हैं. अगर किसी को पहले से ही हाइपोटेंशन यानी लो बीपी की समस्या है, तो चुकंदर लेने से चक्कर आना, कमजोरी और बेहोशी जैसी समस्या हो सकती है.

डायबिटीज मरीजों के लिए चेतावनी

चुकंदर में नेचुरल शुगर होती है, लेकिन इसका ग्लाइसेमिक इंडेक्स मध्यम से ज्यादा होता है. अधिक मात्रा में इसका सेवन करने पर ब्लड शुगर लेवल बढ़ सकता है. डायबिटीज मरीजों को इसे संतुलित मात्रा में ही लेना चाहिए और डॉक्टर से सलाह लेना बेहतर होगा.

आयरन ओवरलोड

चुकंदर में आयरन की मात्रा अच्छी होती है, लेकिन जिन लोगों को शरीर में आयरन का ओवरलोड है, यानी हेमोक्रोमैटोसिस की समस्या है, उन्हें चुकंदर का सेवन नुकसान पहुंचा सकता है.

एलर्जी या संवेदनशील पेट वाले लोग

कुछ लोगों को चुकंदर से एलर्जी, स्किन रिएक्शन, गैस या डायरिया जैसी समस्याएं हो सकती हैं. ये लक्षण दिखें तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए.

चुकंदर भले ही एक सुपरफूड हो, लेकिन हर व्यक्ति की सेहत और शरीर की जरूरतें अलग होती हैं. यदि आपको उपरोक्त समस्याओं में से कोई भी है, तो बिना डॉक्टर की सलाह के चुकंदर का सेवनकरें. सेहतमंद खाने का मतलब यह नहीं कि वह हर किसी के लिए सेफ हो.

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खाली पेट शराब पीने से क्यों चढ़ता है ज्यादा नशा? ये बात नहीं जानते होंगे आप

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Drinking Alcohol in Empty Stomach: शाम की पार्टी हो या वीकेंड की छुट्टियां, शराब पीना आजकल कई लोगों की लाइफस्टाइल का हिस्सा बन चुका है. लेकिन क्या आपने कभी ध्यान दिया है कि जब आप खाली पेट शराब पीते हैं, तो उसका नशा ज्यादा तेज़ और जल्दी चढ़ता है? कुछ लोग इस पर ज्यादा ध्यान नहीं देते, लेकिन इसके पीछे छिपा है शरीर का एक साइंटिफिक खेल, जिसे आम लोग नहीं जानते. कई बार खाली पेट शराब पीने से उल्टी, चक्कर, या बेहोशी जैसी हालत भी बन जाते हैं.

खाली पेट शराब पीने से क्यों चढ़ता है ज्यादा नशा?

डॉक्टरों के अनुसार, जब आप खाली पेट शराब पीते हैं, तो वह तेजी से पेट से छोटी आंत में पहुंचती है. छोटी आंत वह जगह है जहां से अल्कोहल तेजी से रक्त प्रवाह में प्रवेश करती है. जबकि अगर आपने खाना खाया होता, तो वह अल्कोहल के अवशोषण की प्रक्रिया को धीमा कर देता और नशा धीरे-धीरे चढ़ता.

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खाली पेट शराब पीने के दुष्परिणाम

निर्णय क्षमता में कमी

निर्णय लेने की शक्ति कमजोर हो जाती है, जिससे दुर्घटना या झगड़े की आशंका बढ़ जाती है.

पेट की परत को नुकसान

शराब पेट की परत को प्रभावित करती है, जिससे गैस, एसिडिटी, जलन और अल्सर तक की समस्या हो सकती है.

ब्लड शुगर लेवल गिरना

खाली पेट शराब पीने से ब्लड शुगर तेजी से गिर सकता है, जिससे कमजोरी, चक्कर और बेहोशी हो सकती है.

लिवर पर प्रभाव

लिवर को अल्कोहल डिटॉक्स करने के लिए अधिक मेहनत करनी पड़ती है, जिससे लंबे समय में लिवर डैमेज की संभावना होती है.

डॉक्टरों की सलाह

शराब पीने से पहले कुछ खाएं

नट्स, ब्रेड, सलाद या हल्का खाना पेट में अल्कोहल के असर को कम करता है.

शराब के साथ-साथ पानी पीते रहें, ताकि डिहाइड्रेशन और हैंगओवर से बचा जा सके.

अगर आप शराब पीते हैं, तो यह समझना जरूरी है कि खाली पेट इसे लेना आपके स्वास्थ्य के लिए खतरनाक हो सकता है. नशा जल्दी चढ़ता है और शरीर को अधिक नुकसान पहुंचता है. डॉक्टरों की सलाह के अनुसार, भोजन के बाद सीमित मात्रा में और सावधानी से पीना ही समझदारी है. क्योंकि समझदारी से लिया गया हर कदम, भविष्य में बड़ी परेशानी से बचा सकता है.

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वजन कम करने के लिए खजूर खाने के 6 तरीके, आज से ही करें शुरूआत

वजन कम करने के लिए खजूर खाने के 6 तरीके, आज से ही करें शुरूआत


सुबह खाली पेट खजूर खाना: सुबह-सुबह खजूर खाना मेटाबॉलिज्म को तेज करता है और शरीर को एनर्जी देता है. खाली पेट 3 खजूर खाएं और उसके बाद एक गिलास गुनगुना पानी पीएं.

सुबह खाली पेट खजूर खाना: सुबह-सुबह खजूर खाना मेटाबॉलिज्म को तेज करता है और शरीर को एनर्जी देता है. खाली पेट 3 खजूर खाएं और उसके बाद एक गिलास गुनगुना पानी पीएं.

वर्कआउट से पहले खजूर खाना: खजूर में नेचुरल ग्लूकोज़ होता है, जो वर्कआउट के दौरान ताजगी और स्टैमिना देता है. जिम या योगा से 30 मिनट पहले 2 खजूर खा लें.

वर्कआउट से पहले खजूर खाना: खजूर में नेचुरल ग्लूकोज़ होता है, जो वर्कआउट के दौरान ताजगी और स्टैमिना देता है. जिम या योगा से 30 मिनट पहले 2 खजूर खा लें.

शाम के स्नैक टाइम पर खजूर: जब भूख लगे और आप कुछ हेल्दी खाना चाहें, तो खजूर आजमाएं. 2 खजूर वजन बढ़ाए बिना पेट भरने वाला स्नैक है.

शाम के स्नैक टाइम पर खजूर: जब भूख लगे और आप कुछ हेल्दी खाना चाहें, तो खजूर आजमाएं. 2 खजूर वजन बढ़ाए बिना पेट भरने वाला स्नैक है.

खजूर को दूध में उबालकर पीना: खजूर को रात में दूध में उबालकर पीना लंबे समय तक पेट भरा रखता है. इसे डिनर के रूप में भी लिया जा सकता है जब हल्का खाना हो.

खजूर को दूध में उबालकर पीना: खजूर को रात में दूध में उबालकर पीना लंबे समय तक पेट भरा रखता है. इसे डिनर के रूप में भी लिया जा सकता है जब हल्का खाना हो.

खजूर की स्मूदी: 3 खजूर, थोड़ा दूध, ओट्स और एक केला मिलाकर बनाएं टेस्टी स्मूदी. यह ब्रेकफास्ट वजन घटाने वालों के लिए परफेक्ट है.

खजूर की स्मूदी: 3 खजूर, थोड़ा दूध, ओट्स और एक केला मिलाकर बनाएं टेस्टी स्मूदी. यह ब्रेकफास्ट वजन घटाने वालों के लिए परफेक्ट है.

डेजर्ट की जगह खाएं खजूर:  मीठा खाने का मन हो तो चॉकलेट या मिठाई की जगह खजूर खाएं. इसमें नेचुरल मिठास होती है, जो शुगर क्रेविंग को कंट्रोल करती है.

डेजर्ट की जगह खाएं खजूर: मीठा खाने का मन हो तो चॉकलेट या मिठाई की जगह खजूर खाएं. इसमें नेचुरल मिठास होती है, जो शुगर क्रेविंग को कंट्रोल करती है.

Published at : 04 Jul 2025 06:42 PM (IST)

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फास्टिंग शुगर हाई होने के पीछे हो सकती हैं ये 6 वजहें, कहीं आप तो नहीं कर रहे ये गलती

फास्टिंग शुगर हाई होने के पीछे हो सकती हैं ये 6 वजहें, कहीं आप तो नहीं कर रहे ये गलती


रात में देर से खाना खाना: देर रात खाना खाने से शरीर को पाचन के लिए पर्याप्त समय नहीं मिलता और ब्लड शुगर लेवल बढ़ जाता है. कोशिश करें कि सोने से कम से कम 2 घंटे पहले हल्का भोजन कर लें.

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नींद की कमी: नींद की कमी शरीर में इंसुलिन रेसिस्टेंस बढ़ा सकती है, जिससे फास्टिंग शुगर हाई हो जाती है. रोजाना कम से कम 7 घंटे की अच्छी नींद लेना बहुत जरूरी है.

नींद की कमी: नींद की कमी शरीर में इंसुलिन रेसिस्टेंस बढ़ा सकती है, जिससे फास्टिंग शुगर हाई हो जाती है. रोजाना कम से कम 7 घंटे की अच्छी नींद लेना बहुत जरूरी है.

स्ट्रेस लेवल ज़्यादा होना: मानसिक तनाव शरीर में कोर्टिसोल हार्मोन बढ़ाता है, जिससे सुबह के समय ब्लड शुगर बढ़ सकता है. ध्यान, योग, या हल्की एक्सरसाइज तनाव को कम करने में मददगार हो सकते हैं.

स्ट्रेस लेवल ज़्यादा होना: मानसिक तनाव शरीर में कोर्टिसोल हार्मोन बढ़ाता है, जिससे सुबह के समय ब्लड शुगर बढ़ सकता है. ध्यान, योग, या हल्की एक्सरसाइज तनाव को कम करने में मददगार हो सकते हैं.

देर रात स्नैकिंग करना: कुछ लोग रात को लेट नाइट स्नैक्स खाते हैं, जिससे फास्टिंग शुगर बढ़ जाती है. अगर भूख लगे तो लो-कार्ब, हाई-प्रोटीन स्नैक जैसे नट्स या ग्रीक योगर्ट लें.

देर रात स्नैकिंग करना: कुछ लोग रात को लेट नाइट स्नैक्स खाते हैं, जिससे फास्टिंग शुगर बढ़ जाती है. अगर भूख लगे तो लो-कार्ब, हाई-प्रोटीन स्नैक जैसे नट्स या ग्रीक योगर्ट लें.

सोने से पहले बहुत कम खाना: कई बार लोग वजन घटाने के चक्कर में रात का खाना स्किप कर देते हैं, जो कम मात्रा में खाना खाते हैं.

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दवाइयों का टाइम मिस करना: यदि आप डायबिटीज की दवा समय पर नहीं लेते हैं तो इसका असर सीधे फास्टिंग शुगर पर पड़ता है.

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Published at : 04 Jul 2025 05:00 PM (IST)

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